क्या ग्रेटर नोएडा में महापंचायत में जुटे किसान अपनी मांगें पूरी करवा पाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- महापंचायत में किसानों की समस्याओं का समाधान ढूँढने का प्रयास किया जा रहा है।
- किसान अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं।
- जन जागरण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों ने अधिक से अधिक लोगों को शामिल करने का प्रयास किया।
ग्रेटर नोएडा, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गौतम बुद्ध नगर जिले में किसानों से संबंधित मुद्दों को लेकर बुधवार को एक महत्वपूर्ण महापंचायत का आयोजन किया गया है। यह महापंचायत भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले ग्रेटर नोएडा के दनकौर क्षेत्र में स्थित गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सामने यमुना एक्सप्रेसवे के नीचे अंडरपास पर की जा रही है।
सुबह से ही आसपास के जिलों से ट्रैक्टर-ट्रॉली, गाड़ियों और मोटरसाइकिलों पर सवार होकर किसान बड़ी संख्या में महापंचायत स्थल की ओर बढ़ते हुए देखे गए। अनेक किसान लाउडस्पीकर के माध्यम से नारेबाजी करते हुए जुलूस में शामिल हुए। महापंचायत में किसानों की प्रमुख मांगें हैं—गौतम बुद्ध नगर जिले की ग्रामीण आबादियों का शीघ्र निस्तारण किया जाए और लंबे समय से स्थिर सर्किल रेट को बढ़ाया जाए। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और मुआवजे से संबंधित समस्याओं को लेकर भी किसानों में गहरा असंतोष है।
महापंचायत को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने पूर्ण सतर्कता बरती है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है और किसी भी संभावित अव्यवस्था से निपटने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने इस संदर्भ में विशेष रूट डायवर्जन योजना भी जारी की है। यात्रियों को गलगोटिया यूनिवर्सिटी की ओर जाने से बचने की सलाह दी गई है और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की गई है।
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, आंदोलन जारी रहेगा। वहीं, प्रशासन की ओर से किसानों के साथ बातचीत करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
यह उल्लेखनीय है कि इस महापंचायत के लिए किसानों ने गांव-गांव जाकर जन जागरण कार्यक्रम शुरू किया था और सभी को इस महापंचायत में शामिल होने के लिए अपने मुद्दों से अवगत कराया था। यह पहली बार नहीं है जब किसानों के संगठन ने अपनी मांगों को लेकर महापंचायत और आंदोलन आयोजित किए हैं।