क्या जीएसटी दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा?

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क्या जीएसटी दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा?

सारांश

गाजियाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री असीम अरुण ने जीएसटी दरों में कमी के प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने इसे अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा कदम बताया। जानें, इस बदलाव से आम जनता की क्रय शक्ति कैसे बढ़ेगी और बाजार में क्या होगा।

Key Takeaways

  • जीएसटी दरों में कमी से आम जनता की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
  • आर्थिक सुधार के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है।
  • स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
  • त्योहारी सीजन में स्थानीय कारीगरों का समर्थन करें।
  • आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को आगे बढ़ाएं।

गाजियाबाद, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री असीम अरुण ने गुरुवार को गाजियाबाद में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी दरों में की गई कमी के विषय में विस्तार से जानकारी साझा की।

उन्होंने इस कदम को अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक परिवर्तन और बाजार को उछाल देने वाला बताया।

मंत्री असीम अरुण ने कहा कि जीएसटी दरों में कमी और इनकम टैक्स स्लैब में वृद्धि से सामान्य नागरिकों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी। इससे लोग अपने बजट में अधिक सामान खरीद सकेंगे, जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

उन्होंने आगे कहा, “जीएसटी बचत उत्सव जैसी स्थिति आज देश में है। यह दो कारणों से संभव हुआ है। पहला, इनकम टैक्स स्लैब बढ़ने से लोगों के जेब पर कम बोझ पड़ेगा और दूसरा जीएसटी दरों में कमी से बाजार में खरीदारी की क्षमता बढ़ेगी। मुझे लगता है कि बाजार को उछाल देने वाला इससे बड़ा कदम आज तक नहीं उठाया गया।”

असीम अरुण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लोकल फॉर वोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने से देश की अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी।

उन्होंने कहा, “हमें भारतीय सामान खरीदना चाहिए, जिसमें हमारे देशवासियों का पसीना और समय लगा हो। इससे हम भारत को विश्व की दूसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बना सकते हैं।”

उन्होंने विशेष रूप से त्योहारी सीजन में मिट्टी के बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को खरीदने और छोटे दुकानदारों का समर्थन करने की अपील की। साथ ही, विदेशी सामानों से बचने का आह्वान किया।

मंत्री असीम अरुण ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में निर्यात से जुड़ी कुछ अस्थायी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की मजबूत विदेश नीति इन समस्याओं का समाधान करेगी।

उन्होंने आगे कहा कि आज से हम लोगों ने आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान की शुरुआत की है, जो पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती २५ सितंबर से शुरू होकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म जयंती २५ दिसंबर तक चलेगा। इस अभियान के तहत जनता से भारतीय उत्पादों को अपनाने और स्थानीय कारीगरों व दुकानदारों को प्रोत्साहित करने का अनुरोध किया जाएगा।

असीम अरुण ने कहा, “यह अभियान आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करेगा। हम जन-जन तक पहुंचकर यह संदेश देंगे कि भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें।”

Point of View

हमें समझना होगा कि जीएसटी दरों में कमी का असर केवल व्यापार पर नहीं, बल्कि आम नागरिक की जीवनशैली पर भी पड़ता है। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी दरों में कटौती का आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?
जीएसटी दरों में कटौती से आम जनता की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिससे लोग अधिक सामान खरीद सकेंगे।
क्या इस कदम से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा?
हां, जीएसटी में कमी से बाजार में मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
क्या हमें स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए?
बिल्कुल! स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।