क्या जीएसटी सुधारों से हर वर्ग को राहत मिलेगी, नवरात्र से पहले देश में ख़ुशी का माहौल?

Click to start listening
क्या जीएसटी सुधारों से हर वर्ग को राहत मिलेगी, नवरात्र से पहले देश में ख़ुशी का माहौल?

सारांश

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने जीएसटी 2.0 पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवरात्र से पहले जीएसटी दरों में कटौती की ख़ुशखबरी दी। इससे आम जनता, किसानों और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। जानिए इस बदलाव का क्या मतलब है।

Key Takeaways

  • जीएसटी दरों में कटौती से आम जनता को राहत मिलेगी।
  • किसानों के लिए टैक्स में कमी की गई है।
  • नवरात्र से पहले देश में खुशियों का माहौल है।
  • मध्यम वर्ग को आर्थिक लाभ होगा।
  • जीएसटी सुधारों का दीर्घकालिक प्रभाव होगा।

नई दिल्ली, ४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद संबित पात्रा ने गुरुवार को नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में जीएसटी 2.0 पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस मौके पर उन्होंने बताया कि जीएसटी स्लैब हर वर्ग के लिए एक बड़ी ख़ुशखबरी है। उन्होंने कहा कि नवरात्र से पहले देश में ख़ुशियों का माहौल है, क्योंकि जीएसटी दरों में कटौती से आम जनता, किसानों, मध्यम वर्ग और चिकित्सा क्षेत्र को बड़ी राहत मिलेगी।

संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "नवरात्र से पहले पूरे देश में ख़ुशियों का माहौल है। जब मैंने आज सुबह चाय की चुस्की लेते हुए अखबार पढ़ा, तो चाय की कीमत ६ प्रतिशत वैट से घटकर ० प्रतिशत जीएसटी हो गई थी। २२ सितंबर से सभी वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी और यह हर वर्ग के लिए ख़ुशखबरी है, चाहे वह किसान हो, मरीज हो, आम गृहणी हो या कोई बच्चा।"

उन्होंने कहा, "कांग्रेस के समय में दूध पर ६ प्रतिशत वैट था, जिसे अब ० प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह, दही, लस्सी, और छाछ पर अब केवल ५ प्रतिशत जीएसटी लगेगी। चॉकलेट पर ३१ प्रतिशत वैट था, अब वह भी घटकर ५ प्रतिशत जीएसटी हो गया है। मिठाई पर २१ प्रतिशत वैट था, अब वह भी घटकर ५ प्रतिशत जीएसटी हो गई है। गेहूं पर २.५ प्रतिशत वैट था, अब वह ० प्रतिशत जीएसटी होगा। चावल पर २.७५ प्रतिशत वैट था, अब वह भी ० प्रतिशत जीएसटी पर आ गया है।"

संबित पात्रा ने कांग्रेस पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "कांग्रेस के शासन में १ किलो आटे पर ३.५ प्रतिशत टैक्स था, जिसे अब शून्य कर दिया गया है। सोयाबीन का तेल और मूंगफली के तेल पर ६ प्रतिशत वैट था, अब वह भी ० प्रतिशत जीएसटी होगा। बोतलबंद मिनरल वाटर पर जब गांधी परिवार सत्ता में था, तब २७ प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर ५ प्रतिशत कर दिया गया है।"

संबित पात्रा ने कहा, "टूथपेस्ट पर २७ प्रतिशत वैट था, जो घटकर ५ प्रतिशत जीएसटी हो गया है। इसी तरह, साबुन और तेल पर भी २७ प्रतिशत वैट था, जो अब ५ प्रतिशत जीएसटी हो जाएगा। साइकिल पर १६ प्रतिशत वैट था, अब वह भी घटकर ५ प्रतिशत जीएसटी हो गया है।"

भाजपा प्रवक्ता ने किसानों की स्थिति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "हमारे किसान भाईयों के लिए भी यह एक बड़ी ख़ुशखबरी है। ट्रैक्टर वाली फिक्स्ड स्पीड डीजल इंजन जो १५ हॉर्सपावर या उससे कम है, पर पहले १६ प्रतिशत वैट लगता था, अब वह घटकर ५ प्रतिशत जीएसटी रह गई है। हैंडपंप, इरिगेशन सिस्टम, कंपोस्ट मशीन, और फर्टिलाइजर इनपुट पर भी १२ प्रतिशत से घटाकर ५ प्रतिशत जीएसटी कर दिया गया है।"

Point of View

हमें यह समझना होगा कि जीएसटी में सुधार केवल एक आर्थिक उपाय नहीं है, बल्कि यह देश के हर वर्ग को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह बदलाव न केवल आम जनता के लिए राहत लाएगा, बल्कि किसानों और मध्यम वर्ग के लिए भी एक नई उम्मीद जगाएगा।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

जीएसटी 2.0 से किसे लाभ होगा?
जीएसटी 2.0 से आम जनता, किसान, मध्यम वर्ग और चिकित्सा क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
क्या नवरात्र से पहले जीएसटी दरों में कटौती होगी?
हाँ, नवरात्र से पहले कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती की जाएगी।
क्या दूध पर जीएसटी कम हुआ है?
जी हाँ, दूध पर पहले 6% वैट था, जिसे अब 0% कर दिया गया है।
क्या किसानों को जीएसटी से फायदा होगा?
बिल्कुल, किसानों के लिए कई वस्तुओं पर जीएसटी में कमी की गई है।
क्या जीएसटी सुधारों का प्रभाव दीर्घकालिक होगा?
जी हाँ, जीएसटी सुधारों का प्रभाव दीर्घकालिक विकास पर भी होगा।