क्या सुशासन के चार सालों में नमो श्री योजना मातृत्व की सुरक्षा का प्रतीक बनी?

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क्या सुशासन के चार सालों में नमो श्री योजना मातृत्व की सुरक्षा का प्रतीक बनी?

सारांश

गुजरात की नमो श्री योजना ने मातृत्व स्वास्थ्य में सुधार लाने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की है। इस योजना के तहत अब तक 6 लाख माताओं को 354 करोड़ रुपये की सहायता मिली है। जानिए इस योजना की विशेषताएँ और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • नमो श्री योजना ने 6 लाख माताओं को 354 करोड़ की सहायता दी है।
  • महिलाओं के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए सरल और पारदर्शी पंजीकरण प्रक्रिया है।
  • गुजरात ने मातृ मृत्यु दर में महत्वपूर्ण कमी की है।
  • यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण में सहायक है।

गांधीनगर, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में 13 सितंबर को अपने जनसेवा के चार वर्ष पूरे किए। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संकल्पनाओं को आगे बढ़ाते हुए महिलाओं के सशक्तिकरण और मातृ स्वास्थ्य सुधार को शासन की प्राथमिकताओं में प्रमुख स्थान दिया।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री पटेल के नेतृत्व में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गुजरात ने पिछले 4 सालों में उल्लेखनीय प्रगति की है। हाल के वर्षों में राज्य की नमो श्री योजना लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है, जिसने हर वर्ग की गर्भवती महिलाओं और माताओं के स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित किया है।

यह ध्यान देने योग्य है कि नमो श्री योजना मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसे फरवरी 2024 में लॉन्च किया गया था। मात्र डेढ़ साल की अवधि में इस योजना ने 6 लाख 21 हजार से अधिक लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बना ली है, जिन्हें 354 करोड़ रुपए से अधिक का आर्थिक लाभ सीधे उनके बैंक अकाउंट में प्रदान किया गया है। वहीं, पंजीकरण की बात करें तो मात्र डेढ़ साल में 7 सितंबर 2025 तक राज्य की लगभग 11 लाख लाभार्थी महिलाएं पंजीकृत हैं।

नमो श्री योजना के तहत पात्र महिलाओं को उनके पहले दो जीवित बच्चों के लिए चरणबद्ध तरीके से 12,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता दी जाती है, जो केंद्र की पीएमएमवीवाई और जेएसवाई योजनाओं के लाभों के साथ संयुक्त रूप से प्रदान की जाती है। पहली गर्भावस्था में सहायता चार चरणों में मिलती है: पंजीकरण पर 5,000 रुपए (राज्य 2,000 + केंद्र 3,000 रुपए), गर्भावस्था के छह महीने बाद 2,000 रुपए (राज्य), संस्थागत प्रसव के तुरंत बाद 3,000 रुपए (राज्य) और 14वें सप्ताह के टीकाकरण के बाद 2,000 रुपए (केंद्र सरकार द्वारा)।

दूसरी गर्भावस्था के लिए सहायता की प्रक्रिया थोड़ी भिन्न होती है, जिसमें पंजीकरण के समय 2,000 रुपए, छह माह की गर्भावस्था के बाद 3,000 रुपए, संस्थागत प्रसव के बाद 6,000 रुपए (लड़की के लिए केंद्र की ओर से और लड़के के लिए राज्य सरकार द्वारा), और 14वे सप्ताह के टीकाकरण के पश्चात राज्य सरकार 1,000 रुपए देती है।

गुजरात सरकार की महत्वाकांक्षी नमो श्री योजना का लाभ अब महिलाओं तक और भी सरल एवं पारदर्शी तरीके से पहुंच रहा है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण स्वास्थ्य केंद्र से लेकर क्षेत्रीय स्तर तक राज्य स्तरीय TeCHO+ पोर्टल पर किया जाता है, जहां लाभार्थी से संबंधित आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए जाते हैं। इसके बाद इन दस्तावेजों का सत्यापन स्वास्थ्य केंद्र और तालुका स्तर पर किया जाता है, और अंतिम पुष्टि राज्य स्तर पर पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से होती है। इसके बाद लाभार्थी महिला के बैंक खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से राशि जमा की जाती है। इस सुव्यवस्थित प्रक्रिया ने महिलाओं को योजना का लाभ मिलने में समयबद्धता और पारदर्शिता को सुनिश्चित किया है।

गुजरात में 2013 से 2023 के बीच यानी 10 सालों में मातृ मृत्यु दर 112 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म की तुलना में 54.5 प्रतिशत घटकर वर्तमान में (2023 तक के आंकड़ों के अनुसार) 51 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म तक पहुंच गया है। यह आंकड़ा न केवल राष्ट्रीय औसत 88 से काफी कम है, बल्कि गुजरात ने 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) <70 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म के लक्ष्य को तय समय से काफी पहले ही हासिल कर लिया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है।

उल्लेखनीय है कि ये सभी प्रभावी परिणाम केंद्र व राज्य की योजनाओं का संयुक्त परिणाम हैं, जिसके तहत राज्य में नमो श्री योजना के साथ-साथ 'सुमन', 'पीएमएसएमए', 'ममता', 'खिलखिलाट' जैसी योजनाएं भी गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य व पोषण का ध्यान रख रही हैं।

Point of View

जो राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण है।
NationPress
15/09/2025

Frequently Asked Questions

नमो श्री योजना क्या है?
नमो श्री योजना एक सरकारी पहल है जो गर्भवती महिलाओं और माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है।
इस योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
इस योजना का लाभ उन गर्भवती महिलाओं को मिलता है, जिन्होंने अपने पहले दो जीवित बच्चों को जन्म दिया है।
क्या योजना में पंजीकरण करना आवश्यक है?
हाँ, योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को पंजीकरण कराना आवश्यक है।
क्या सहायता राशि सीधे बैंक खाते में मिलती है?
हाँ, योजना के तहत सहायता राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
गुजरात में मातृ मृत्यु दर में क्या बदलाव आया है?
गुजरात में मातृ मृत्यु दर पिछले 10 वर्षों में 54.5 प्रतिशत घटकर 51 प्रति 1,00,000 जीवित जन्म तक पहुँच गई है।