क्या सीएम भूपेंद्र पटेल ने एआई तकनीक के माध्यम से फसल उत्पादन को बढ़ाने का किया है आग्रह?
सारांश
Key Takeaways
- एआई तकनीकें किसानों की फसल उत्पादन में सुधार कर सकती हैं।
- कृषि परिवर्तन भारत के 2047 के दृष्टिकोण का एक हिस्सा है।
- नई तकनीकें कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए अनेक अवसर प्रदान करती हैं।
- कम जगह में अधिक फसल उगाने की संभावना है।
- कृषि में विविधता को समझना आवश्यक है।
गांधीनगर, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को गांधीनगर में आयोजित एआई प्रभाव शिखर सम्मेलन 2026 को संबोधित करते हुए सीमांत प्रौद्योगिकी से कृषि परिवर्तन के लिए एक रोडमैप का उल्लेख किया। इस सम्मेलन में नीति आयोग की प्रमुख फेलो देबजानी घोष मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए की और कहा कि इस ऐतिहासिक भूमि पर सभी का स्वागत है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बोए गए विकास के बीजों का फल अब दिखने लगा है।
भूपेंद्र पटेल ने कृषि परिवर्तन को भारत के 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने के दृष्टिकोण का मुख्य केंद्र बताया। कृषि, आर्थिक मजबूती, ग्रामीण समृद्धि और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वर्टिकल फार्मिंग, डिजिटल ट्विन्स, प्रिसिजन एग्रीकल्चर, स्मार्ट सेंसर्स, एजेंटिक एआई, प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स और उन्नत मशीनीकरण जैसी नई तकनीकें उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि भारत इस परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है, लेकिन कृषि के विविध परिदृश्य को समझना आवश्यक है। छोटे किसानों से लेकर बड़े व्यावसायिक किसानों तक सभी को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें अनुकूलित समाधान की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन तकनीकों के माध्यम से कम स्थान में अधिक फसलें उगाई जा सकती हैं। फसल की डिजिटल कॉपी बनाकर पहले से योजना तैयार की जा सकती है। सटीक खेती और मिट्टी एवं मौसम की सही जानकारी प्राप्त की जा सकती है। एआई स्वयं निर्णय लेने की क्षमता रखता है, जिससे आधुनिक मशीनें काम को आसान बना सकती हैं। इससे पर्यावरण की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी।
सम्मेलन में कृषि और उद्योग के विशेषज्ञों ने भाग लिया। यह आयोजन गुजरात को एआई के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगा। मुख्यमंत्री ने सभी से अनुरोध किया कि मिलकर एआई तकनीक को हर किसान तक पहुंचाएं।