क्या गुजरात में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन सफल रहा?

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क्या गुजरात में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन सफल रहा?

सारांश

गांधीनगर में आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन में पीएम मोदी के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार पर चर्चा हुई। इस पहल का उद्देश्य चुनाव प्रणाली को बेहतर और अधिक व्यावहारिक बनाना है। जानिए इस सम्मेलन में क्या कुछ खास चर्चा की गई।

Key Takeaways

  • एक राष्ट्र, एक चुनाव के तहत सभी चुनाव एक साथ होंगे।
  • सरकार को दीर्घकालिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर मिलेगा।
  • चुनाव खर्च में कमी आएगी।
  • स्थायी लोकतंत्र की दिशा में एक कदम।
  • आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में बाधा कम होगी।

गांधीनगर, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रहित में पीएम मोदी के विचार 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर गुजरात के गांधीनगर उत्तर विधानसभा में एक समारोह का आयोजन किया गया। प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन टाउन हॉल, सेक्टर-17 में विधायक रीताबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

डॉ. अनिल भाई पटेल ने अपने संबोधन में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विभिन्न सकारात्मक पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक देश में बार-बार होने वाले चुनावों से धन, श्रम शक्ति और समय का भारी बोझ पड़ता है। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रणाली के कार्यान्वयन से चुनाव खर्च में उल्लेखनीय कमी आएगी, क्योंकि लोकसभा, विधानसभा और सभी स्थानीय स्वशासन निकायों के चुनाव पूरे देश में एक साथ आयोजित किए जाएंगे।"

उन्होंने कहा, "बार-बार चुनाव नहीं होने से सरकार अपने कार्यकाल के दौरान सुसंगत और अधिक परिणामोन्मुखी विकास योजना पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी हमारे राष्ट्र के हित के लिए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार को वास्तविकता बनाने का प्रयास कर रहे हैं।"

गांधीनगर उत्तर विधानसभा की विधायक रीताबेन पटेल ने अपने संबोधन में कहा, "पीएम मोदी की 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल देश के लोकतंत्र को अधिक मजबूत और व्यावहारिक बनाएगी। इससे न केवल चुनाव खर्च और व्यवस्था पर बोझ कम होगा, बल्कि देश के लोकतंत्र में स्थायित्व आएगा, निर्देशात्मक शासन व्यवस्था मजबूत होगी और 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के तहत लगातार चुनाव होने के कारण आचार संहिता के कारण विकास कार्यों में आने वाली बाधा दूर होगी।"

एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आयोजित इस प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन में डॉक्टर, व्यापारी, वकील, उद्योगपति, चार्टर्ड एजेंसियां, विभिन्न समाजों, धार्मिक, सहकारी संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों के नेता, लेखक, साहित्यकार और कवि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और सहयोगी संगठनों के नेता, वर्तमान और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी तथा गांधीनगर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के सरपंचों को आमंत्रित किया गया था।

Point of View

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार न केवल चुनावी प्रक्रिया को सरल करेगा, बल्कि यह सरकार को दीर्घकालिक योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर भी देगा। यह पहल लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

एक राष्ट्र, एक चुनाव का क्या उद्देश्य है?
इसका उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाना है, जिससे चुनावों में होने वाले खर्च और समय में कमी आएगी।
क्या यह पहल लोकतंत्र को प्रभावित करेगी?
हाँ, इससे लोकतंत्र में स्थायित्व आएगा और चुनावी प्रक्रिया अधिक व्यावहारिक बनेगी।