क्या ‘मन की बात’ वास्तव में जनता से संवाद का उत्सव है?
सारांश
Key Takeaways
- ‘मन की बात’ कार्यक्रम का उद्देश्य संवाद करना है।
- असम में इस कार्यक्रम की लोकप्रियता बढ़ रही है।
- स्थानीय समस्याओं पर चर्चा होती है।
- प्रधानमंत्री के विचार समाज को जोड़ते हैं।
- कार्यक्रम ने नागरिकों को प्रेरित किया है।
गुवाहाटी, २६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो शो ‘मन की बात’ का १२७वां संस्करण रविवार को असम के गुवाहाटी के पमाही क्षेत्र के बूथ संख्या ३० पर प्रसारित किया गया। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्थानीय नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कार्यक्रम में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हर महीने के आखिरी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से संवाद करते हैं। ‘मन की बात’ केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण जनआंदोलन बन चुका है। असम में इस कार्यक्रम को लगभग २६,००० मतदान केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों की सहभागिता से सुना जाता है।
सरमा ने बताया कि सुनने वालों की संख्या के मामले में असम पूरे भारत में चौथे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि रविवार को मैंने भी लोगों के साथ यह कार्यक्रम सुना और उनके साथ स्थानीय समस्याओं पर चर्चा की। प्रधानमंत्री के शब्द हमेशा प्रेरणा देते हैं।
स्थानीय महिलाओं और युवाओं ने भी कार्यक्रम को लेकर राष्ट्र प्रेस से अपने विचार साझा किए।
एक महिला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा नेता कोई नहीं है। उनके नेतृत्व में देश तेजी से विकास कर रहा है और वे हर वर्ग के लोगों के बारे में सोचते हैं। आने वाले समय में हम फिर उन्हीं को चुनेंगे।”
एक अन्य महिला ने कहा कि प्रधानमंत्री ‘मन की बात’ में 'त्योहारों, संस्कृति और देश की उभरती हुई प्रतिभाओं' के बारे में बताते हैं, जिससे लोगों को प्रेरणा मिलती है।
स्थानीय निवासी नीता थापा ने बताया, “आज प्रधानमंत्री ने पेड़-पौधों और पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने उन छोटे गांवों का उल्लेख किया, जहां किसान मेहनत से प्रगति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के जरिए हमें ऐसे प्रेरक उदाहरणों की जानकारी मिलती है।”
वहीं, कार्यक्रम में शामिल एक आदिवासी समुदाय के युवक ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री सरमा को आवेदन देने आया था, इस दौरान प्रधानमंत्री का कार्यक्रम भी सुना। यह कार्यक्रम ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी है। इसमें ऐसे लोगों का जिक्र होता है जिनकी उपलब्धियों के बारे में हम सामान्यतः नहीं जानते।”