क्या ज्ञान भारतम मिशन भारत की संस्कृति, साहित्य और चेतना का उद्घोष बनेगा? पीएम मोदी ने किया दावा

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क्या ज्ञान भारतम मिशन भारत की संस्कृति, साहित्य और चेतना का उद्घोष बनेगा? पीएम मोदी ने किया दावा

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्ञान भारतम मिशन के तहत भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा को डिजिटल रूप में संरक्षित करने की बात की। यह मिशन न केवल एक शैक्षणिक कार्यक्रम है, बल्कि भारत की संस्कृति और चेतना का अनावरण करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इसे लेकर उन्होंने देशवासियों को बधाई दी।

Key Takeaways

  • ज्ञान भारतम मिशन का उद्देश्य ज्ञान परंपराओं को डिजिटल रूप में सुरक्षित करना है।
  • भारत का पांडुलिपि संग्रह सबसे बड़ा है, जिसमें 1 करोड़ पांडुलिपियां हैं।
  • यह मिशन भारत की संस्कृति और साहित्य का उद्घोष बनेगा।

नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ज्ञान भारतम पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हजारों पीढ़ियों का चिंतन, भारत के महान आचार्यों और विद्वानों का ज्ञान एवं शोध, हमारी ज्ञान परंपराएं और हमारी वैज्ञानिक धरोहरें, ज्ञान भारतम मिशन के जरिए हम उन्हें डिजिटाइज्ड करने जा रहे हैं। मैं इस मिशन के लिए सभी देशवासियों को बधाई देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज विज्ञान भवन, भारत के स्वर्णिम अतीत के पुनर्जागरण का साक्षी बन रहा है। कुछ ही दिन पहले मैंने ज्ञान भारतम् मिशन की घोषणा की थी, और इतने कम समय में आज हम ज्ञान भारतम् इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर रहे हैं। इससे जुड़ा पोर्टल भी लॉन्च किया गया है। यह केवल एक सरकारी या शैक्षणिक कार्यक्रम नहीं है। ज्ञान भारतम् मिशन, भारत की संस्कृति, साहित्य और चेतना का उद्घोष बनने जा रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा अत्यंत समृद्ध है, क्योंकि इसकी नींव चार प्रमुख स्तंभों - संरक्षण, नवाचार, संवर्धन और अनुकूलन पर टिकी है। आज भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा पांडुलिपि संग्रह है। करीब 1 करोड़ पांडुलिपियां हमारे पास हैं। इतिहास के क्रूर थपेड़ों में लाखों पांडुलिपियां जल गईं या लुप्त हो गईं, लेकिन जो बची हैं, वे यह दर्शाती हैं कि ज्ञान और विज्ञान के प्रति हमारे पूर्वजों की निष्ठा कितनी गहरी और व्यापक थी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत स्वयं में एक जीवंत प्रवाह है, जिसका निर्माण उसके विचारों, आदर्शों और मूल्यों से हुआ है। भारत की प्राचीन पांडुलिपियों में हमें भारत के निरंतर प्रवाह की रेखाएं देखने को मिलती हैं। ये पांडुलिपियां हमारी विविधता में एकता का घोषणा पत्र भी हैं।

उन्होंने कहा कि भारत से प्राप्त ये पांडुलिपियां मानवता की सामूहिक विकास यात्रा का प्रतीक हैं। इनमें दर्शन और विज्ञान, चिकित्सा और तत्वमीमांसा, कला और खगोल विज्ञान सहित विविध क्षेत्रों का ज्ञान समाहित है। गणित से लेकर बाइनरी-आधारित कंप्यूटर विज्ञान तक, आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति का मूल आधार शून्य की अवधारणा में निहित है।

Point of View

बल्कि भारत की संस्कृति और इतिहास को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

ज्ञान भारतम मिशन का उद्देश्य क्या है?
ज्ञान भारतम मिशन का उद्देश्य भारत की समृद्ध ज्ञान परंपराओं को डिजिटाइज्ड करके संरक्षित करना है।
इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि यह मिशन भारत की संस्कृति और साहित्य का उद्घोष बनेगा।
भारत के पास कितनी पांडुलिपियां हैं?
भारत के पास लगभग 1 करोड़ पांडुलिपियां हैं।
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