क्या हंसराज रघुवंशी ने श्याम खाटू बाबा के जन्मदिन से पहले भक्तों को तोहफा दिया?
 
                                सारांश
Key Takeaways
- हंसराज रघुवंशी का नया भक्ति गीत भक्तों के लिए खास है।
- इस गीत में भक्ति और आस्था की गहराई है।
- बाबा खाटू श्याम का जन्मदिन 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
- गीत में एक महत्वपूर्ण संदेश है कि खाटू श्याम के दरबार में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता।
- भक्ति के इस गीत ने भक्तों के दिलों को छू लिया है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। 'मेरा भोला है भंडारी' के मशहूर गायक हंसराज रघुवंशी अपने भक्ति गीतों के लिए प्रख्यात हैं। उनके भक्ति गीत हमेशा फैंस के दिलों को छू लेते हैं।
इनके भक्ति गीतों में केवल भक्ति ही नहीं, बल्कि एक आस्था की कहानी भी होती है, जो भक्तों को उनके आराध्य से जोड़ती है। अब, बाबा खाटू श्याम के जन्मोत्सव से पहले हंसराज रघुवंशी ने अपना नया भक्ति गीत जारी किया है, जो तुरंत ही सुर्खियों में आ गया है।
हंसराज रघुवंशी का नया भक्ति गीत "श्याम बाबा का जन्मदिन" अब उपलब्ध है। इस गीत में हंसराज रघुवंशी धोबी का पात्र निभा रहे हैं और जहां भी वे कपड़े धोने जाते हैं, वहां बाबा खाटू श्याम का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। इस दृश्य को देखकर हंसराज बहुत खुश होते हैं और अपनी छोटी सी झोपड़ी में बाबा का जन्मदिन मनाते हैं। गीत के अंत में एक बेहतरीन संदेश भी दिया गया है, जिस पर लिखा है "खाटू श्याम के दरबार में कोई बड़ा या छोटा नहीं होता है, केवल प्यार और भक्ति का रंग होता है।" गीत के रिलीज होते ही फैंस इसे पसंद करने लगे हैं।
एक यूजर ने खुशी व्यक्त करते हुए लिखा, "वाह रघुवंशी जी, आपके गीत ने जन्मोत्सव की खुशी को दोगुना कर दिया है। हारे का सहारा, बाबा श्याम हमारा।"
एक अन्य ने टिप्पणी की, "आपकी आवाज में जादू है, ऐसा लगता है जैसे खुद बाबा श्याम ने आप पर विशेष कृपा की है।"
यह ध्यान देने योग्य है कि बाबा खाटू श्याम का जन्मदिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 1 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा और 2 नवंबर की सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। इस दौरान, बाबा श्याम का जन्मदिन देशभर के मंदिरों में 1 नवंबर को मनाया जाएगा, जबकि देवउठनी एकादशी का व्रत 2 नवंबर को रखा जाएगा।
इसके पीछे के दो मुख्य कारण हैं। पहला, एकादशी कभी भी दशमी युक्त नहीं होनी चाहिए, क्योंकि दशमी युक्त एकादशी को शुभ नहीं मानते हैं। दूसरा, एकादशी या कोई भी हिंदू त्योहार उदय तिथि के अनुसार मनाया जाता है। इसलिए, देवउठनी एकादशी की उदय तिथि 2 नवंबर को है, जिसके कारण व्रत भी उसी दिन रखा जाएगा।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            