क्या 'मेरा नाम जोकर' से लेकर 'पठान' तक इन फिल्मों में रूस की अलग-अलग लोकेशन फिल्माई गई हैं?
सारांश
Key Takeaways
- हिंदी सिनेमा और रूस के बीच गहरा सांस्कृतिक संबंध है।
- कई प्रमुख फिल्में रूस में शूट की गई हैं, जैसे 'मेरा नाम जोकर' और 'पठान'।
- इन फिल्मों ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूत किया है।
- रूस में बॉलीवुड चैनल प्रसारित होता है, जो हिंदी फिल्मों को दिखाता है।
मुंबई, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हिंदी सिनेमा और रूस के बीच एक पुराना सांस्कृतिक संबंध है, जो हर साल और भी मजबूत होता जा रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंधों से पर्यटन और राष्ट्रीय आय को भी बढ़ावा मिला है।
शीत युद्ध के दौरान, रूस ने राजनीतिक संबंध स्थापित करने के बाद अपने बाजारों को हिंदी सिनेमा के लिए खोला था। इसके बाद वहां न केवल फिल्में रिलीज की गईं, बल्कि कई अलग-अलग लोकेशन पर फिल्मों की शूटिंग भी हुई। आज हम उन फिल्मों के बारे में चर्चा करेंगे जिनकी शूटिंग रूस में की गई थी।
1970 में रिलीज हुई राज कपूर की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' रूस में बेहद पसंद की गई थी। राज कपूर रूस के सिनेमा प्रेमियों के लिए एक दिव्य व्यक्तित्व थे, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म में रशियन अभिनेत्री सेनिया लावोव्ना रियाबिनकिना के साथ अभिनेता ने कुछ सीन मास्को में फिल्माए थे।
सलमान खान और स्नेहा उल्लाल की 2005 में आई फिल्म ‘लकी: नो टाइम फॉर लव’ के कुछ सीन और रोमांटिक गाने सेंट पीटर्सबर्ग पर फिल्माए गए थे।
तमिल एक्शन फिल्म 'धाम धूम' की शूटिंग भी रूस में हुई थी, जिसमें कंगना रनौत का भी छोटा सा रोल था। फिल्म की शुरुआत मास्को के खूबसूरत शहर से होती है, और इसका बहुत सारा हिस्सा रूस के विभिन्न क्षेत्रों में फिल्माया गया है।
साल 2022 में रिलीज हुई आर माधवन की 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' के कुछ सीन भी रूस में शूट किए गए थे। टीम ने 2019 में वहां शूटिंग की थी और खराब मौसम के बावजूद पांच दिन तक काम किया था। इसके अलावा, सलमान खान की 'एक था टाइगर' को भी रूस में फिल्माया गया था।
2023 में आई शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की 'पठान' के कुछ सीन और गानों को रूस की बैकाल झील के पास फिल्माया गया था। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। कुछ फिल्में ऐसी भी थीं, जिन्हें भारत और सोवियत संघ ने मिलकर बनाया था। 1981 में 'एडवेंचर्स ऑफ अली-बाबा एंड द फोर्टी थीव्स' को दोनों देशों के निर्माताओं ने एक साथ बनाया था।
हिंदी सिनेमा ने रूस और भारत के बीच सांस्कृतिक कूटनीति को मजबूत बनाने के लिए एक प्रभावी तकनीक के रूप में काम किया है, जिससे राजनीतिक और रणनीतिक साझेदारी के परे, दोनों देशों के बीच लोगों के संबंधों को मजबूती मिली है। इसका परिणाम यह है कि आज रूस में हिंदी फिल्मों को समर्पित एक बॉलीवुड चैनल का प्रसारण भी होता है, जिस पर 24 घंटे बॉलीवुड फिल्में दिखाई जाती हैं।
—राष्ट्र प्रेस