क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यमुनानगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दौरा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है।
- हुड्डा ने विशेष पैकेज की मांग की।
- कांग्रेस पार्टी प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है।
- सरकार को तत्काल राहत कार्यों की आवश्यकता है।
- बाढ़ ने किसानों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
यमुनानगर, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यमुनानगर जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए स्थिति का अवलोकन किया। इस दौरान, उन्होंने प्रभावित ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया और उनकी समस्याओं को सुना।
हुड्डा ने कहा कि बाढ़ ने किसानों की फसलों, आवास और रोजगार को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने हरियाणा और केंद्र सरकार से अपील की कि प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवजा और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
हुड्डा ने ट्रैक्टर चलाकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर प्रति एकड़ 60 से 70 हजार रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए। मैं केंद्र सरकार से बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए विशेष पैकेज की मांग करता हूं।
हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा जनता के साथ खड़ी रहेगी और संकट के समय लोगों को अकेला नहीं छोड़ेगी।
उन्होंने बताया कि 15 सितंबर से धान की खरीद शुरू होने जा रही है। सरकार को मार्केट दाम को कम करना चाहिए ताकि किसानों को राहत मिल सके।
इसके अलावा, उन्होंने छोटी औद्योगिक इकाइयों के पलायन और बंद होने की समस्या पर भी चिंता जताई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि छोटे उद्योग हरियाणा की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन मौजूदा नीतियों के कारण ये बंद हो रहे हैं या अन्य राज्यों में जा रहे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर भी प्रभावित लोगों की आवाज उठाएगी और उनकी लड़ाई लड़ेगी।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देरी हो रही है, जिससे लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत सामग्री और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए ताकि वे अपने जीवन को फिर से पटरी पर ला सकें। कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करेंगे।
ग्रामीणों ने भी हुड्डा के सामने अपनी समस्याएं रखीं और सरकारी सहायता की कमी की शिकायत की।