क्या इंडिगो की गड़बड़ी सरकार के मोनोपॉली मॉडल का परिणाम है? : डीके शिवकुमार
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो की उड़ानों में कैंसिलेशन से यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने इसे मोनोपॉली मॉडल का नतीजा बताया है।
- सरकार ने अतिरिक्त कोचों की व्यवस्था की है।
- किराया सीमा निर्धारित की गई है।
- स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
बेंगलुरु, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में इंडिगो की उड़ानों का कैंसिल होना कई यात्रियों के लिए कठिनाइयों का कारण बन गया है। यात्रियों की समस्याओं को कम करने के लिए रेलवे द्वारा अतिरिक्त कोच की व्यवस्था की जा रही है। इस मामले पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार का कहना है कि भारत इस समय अपने इतिहास का सबसे गंभीर एविएशन संकट देख रहा है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डी.के. शिवकुमार ने लिखा कि हजारों उड़ानें कैंसिल हो चुकी हैं, जिसके कारण हमारे लोग अनेक स्थानों पर फंस गए हैं। इंडिगो की यह गड़बड़ी सरकार के मोनोपॉली मॉडल का सीधा परिणाम है और हमेशा की तरह आम भारतीय इसकी कीमत चुका रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि बेंगलुरुकेम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो भारत का तीसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है और जहां हर वर्ष लगभग 40 मिलियन यात्री आते-जाते हैं, पूरी तरह से बाधित हो गया है। इससे परिवारों, व्यवसायों और हमारी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई करने और इस स्थिति को नियंत्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे लोग इससे बेहतर के हकदार हैं।
इसी बीच, इंडिगो की सेवाओं में रुकावट के बाद किरायों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में दूरी के अनुसार अधिकतम किराया सीमा निर्धारित की गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, अगले आदेश तक 500 किलोमीटर तक के लिए अधिकतम किराया 7,500 रुपए, 500–1000 किलोमीटर के लिए 12,000 रुपए, 1000–1500 किलोमीटर के लिए 15,000 रुपए और 1500 किलोमीटर से अधिक के लिए 18,000 रुपए निर्धारित किया गया है। इसमें यूडीएफ, पीएसएफ और टैक्स शामिल नहीं हैं।
सरकार का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। सरकार ने कहा है कि यह किराया सीमा तब तक लागू रहेगी, जब तक किरायों में स्थिरता नहीं आ जाती या सरकार आगे की समीक्षा नहीं करती। साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि यात्री चाहे कंपनी की वेबसाइट से टिकट बुक करें या किसी एजेंट की वेबसाइट से, नियम सभी पर लागू होंगे।