क्या इंदिरा कृष्णा ने मिर्जापुर में विंध्यवासिनी के दर्शन कर एक खास अनुभव साझा किया?

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क्या इंदिरा कृष्णा ने मिर्जापुर में विंध्यवासिनी के दर्शन कर एक खास अनुभव साझा किया?

सारांश

इंदिरा कृष्णा ने हाल ही में मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि सावन का महीना इस जगह पर आने का सर्वोत्तम समय है। उनके अनुभव ने दर्शकों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक नया दृष्टिकोण दिया है।

Key Takeaways

  • इंदिरा कृष्णा का विंध्याचल मंदिर से विशेष जुड़ाव है।
  • सावन का महीना माँ विंध्यवासिनी के दर्शन के लिए सर्वोत्तम समय है।
  • यह स्थान नारी शक्ति का प्रतीक है।
  • विंध्याचल 51 शक्तिपीठों में से एक है।
  • यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है।

मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री इंदिरा कृष्णा बुधवार को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर पहुंचीं, जहाँ उन्होंने मां विंध्यवासिनी के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि सावन का यह पवित्र महीना इस तीर्थ स्थल पर आने का सबसे उत्तम समय है।

मां विंध्यवासिनी, जो मां दुर्गा का एक रूप हैं, इस मंदिर में विराजमान हैं।

इंदिरा ने कहा, "विंध्याचल मंदिर से मेरा खास जुड़ाव है। यहाँ आकर मुझे शांति मिली और मैं बहुत खुश हूँ। यह स्थान आत्मिक खोज का भी एक अवसर प्रदान करता है। मां विंध्यवासिनी ने महिषासुर राक्षस का वध करने के बाद इस स्थान को अपनी साधना स्थली के रूप में चुना था। यह कहानी बुराई पर अच्छाई और अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है, जो नारी शक्ति को दर्शाती है और बताती है कि महिलाएं शक्तिशाली योद्धा भी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह स्थान समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति को समझने में मदद करता है। विंध्याचल 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माना जाता है कि माता सती के शरीर के अंग गिरे थे। इंदिरा ने अपने परिवार और शुभचिंतकों के लिए सुख, समृद्धि और शांति की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, "सावन का महीना, जो भगवान शिव को समर्पित है, यहाँ आने का सबसे शुभ समय है।"

इंदिरा ने विंध्याचल की प्राकृतिक सुंदरता की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, "विंध्याचल की प्राकृतिक सुंदरता मनमोहक है। पहाड़ों से गंगा नदी का मनोरम दृश्य दिखता है। यहाँ की खूबसूरती इस स्थान को और भी खास बनाती है। पास ही बहने वाली गंगा नदी और मां अष्टभुजा देवी मंदिर इस क्षेत्र को आध्यात्मिक और दृश्यात्मक रूप से समृद्ध करते हैं।"

अभिनेत्री 'कृष्णाबेन खाखरावाला', 'कृष्णदासी', 'कहानी घर-घर की', 'ये है चाहतें' और 'सावी की सवारी' जैसे धारावाहिकों का हिस्सा रह चुकी हैं।

हाल ही में इंदिरा ने 'दुर्गा : अटूट प्रेम कहानी' में पान बाई की नकारात्मक भूमिका में नजर आई थीं। वह जल्द ही सरगुन मेहता और रवि दुबे के प्रोडक्शन में बनने वाले धारावाहिक 'गंगा माई की बेटियां' में नजर आएंगी।

इसके अलावा, वह नितेश तिवारी की अपकमिंग फिल्म 'रामायण' में रानी कौशल्या की भूमिका में दिखेंगी, जिसमें रणबीर कपूर भगवान राम, साई पल्लवी माता सीता और 'केजीएफ' स्टार यश लंकापति रावण के किरदार में हैं।

Point of View

बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को भी उजागर करता है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

इंदिरा कृष्णा ने किस मंदिर में दर्शन किए?
इंदिरा कृष्णा ने मां विंध्यवासिनी के मंदिर में दर्शन किए।
सावन का महीना क्यों महत्वपूर्ण है?
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इसे धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है।
इंदिरा कृष्णा के कौन से धारावाहिक प्रसिद्ध हैं?
इंदिरा कृष्णा 'कृष्णाबेन खाखरावाला', 'कृष्णदासी', 'कहानी घर-घर की', 'ये है चाहतें' और 'सावी की सवारी' जैसे धारावाहिकों का हिस्सा रह चुकी हैं।