क्या इंदौर में दशहरे पर रावण की जगह महिला अपराधियों के पुतले जलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- महिला अपराधियों के पुतले जलाने का निर्णय इंदौर में विशेष चर्चा का विषय है।
- यह आयोजन अपराध के खिलाफ एक संदेश देने का प्रयास है।
- भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने इस पहल का समर्थन किया है।
- समाज में इस पर मिले-जुले प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं।
- इस पहल का उद्देश्य अपराधियों को दंडित करने की आवश्यकता को उजागर करना है।
इंदौर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष विजयदशमी का पर्व मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनोखे तरीके से मनाया जा रहा है। यहाँ दशहरे के मौके पर रावण की जगह महिला अपराधियों के पुतले जलाए जाएंगे। इस विशेष पहल ने पूरे शहर में चर्चा का विषय बना दिया है।
परंपरागत रूप से, इंदौर में रावण का दहन किया जाता है, लेकिन इस बार शहर के महालक्ष्मी मेला ग्राउंड में रावण के स्थान पर महिला अपराधियों के पुतले जलाने का निर्णय लिया गया है।
मेला आयोजकों ने उन महिला अपराधियों के पुतले बनाए हैं, जिन पर अपने परिवार के सदस्यों या मासूम बच्चों की हत्या जैसे गंभीर अपराधों के आरोप लगे हैं। इनमें हाल ही में चर्चित सोनम रघुवंशी का पुतला भी शामिल है।
इस आयोजन का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म हमें यह सिखाता है कि समाज में राक्षसी प्रवृत्ति का अंत होना चाहिए, चाहे वह पुरुषों में हो या महिलाओं में। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऐसे लोग समाज के लिए कलंक हैं और उनका अंत होना आवश्यक है।
ठाकुर ने सोनम रघुवंशी के पुतले का दहन सही ठहराते हुए कहा कि ऐसे अपराधियों को जीने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि वे मानवता के लिए खतरा हैं।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन पर समाज में मिले-जुले प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोग इसे महिलाओं के प्रति कठोरता मान रहे हैं। संस्था का निर्णय सही है कि ऐसे अपराधों में लिप्त महिलाओं के पुतले जलाए जाएं ताकि समाज को एक संदेश मिले।
आयोजकों का कहना है कि इसका उद्देश्य समाज के लिए यह संदेश देना है कि अपराधी कौन भी हो, उसे सजा अवश्य मिलेगी। यह आयोजन परंपरा से हटकर एक नई सोच का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि राजा रघुवंशी का हत्याकांड पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया था। चूँकि सोनम इंदौर की निवासी थी, इसलिए इस आयोजन का महत्व और बढ़ जाता है।
आयोजकों ने बताया कि मुस्कान नाम की एक महिला ने अपने पति की हत्या कर उसकी लाश को नीले ड्रम में छुपा दिया था। ऐसे कई मामले देशभर में सामने आए हैं, जो शादी के बाद पुरुषों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठाते हैं।
संस्था का कहना है कि समाज में ऐसे अपराधों के प्रति जागरूकता लाना आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया जा रहा है।