क्या ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों को 12 दिन के अभियान में भारी नुकसान हुआ? : आईडीएफ

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क्या ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों को 12 दिन के अभियान में भारी नुकसान हुआ? : आईडीएफ

सारांश

इजराइल रक्षा बलों का दावा है कि 12 दिन के सैन्य अभियान में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। क्या यह ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए एक बड़ा झटका होगा? जानें इस विस्तृत रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों को गंभीर नुकसान हुआ।
  • ईरान के 11 प्रमुख वैज्ञानिकों का नुकसान।
  • इजराइल को ईरानी हवाई क्षेत्र में क्रियाशीलता मिली।
  • ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत कई महत्वपूर्ण लक्ष्यों को हासिल किया गया।
  • भविष्य में संघर्ष की संभावना बढ़ी।

तेल अवीव, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने शुक्रवार को बताया कि उसने 12 दिनों तक ईरान के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान में ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। इससे ईरान के परमाणु ढांचे को एक बड़ा झटका लगा है।

आईडीएफ ने बताया कि उन्होंने 13 जून से ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नामक अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नुकसान पहुँचाना था, क्योंकि इजरायल को चिंता थी कि ये कार्यक्रम उसके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकते हैं।

इजरायली सेना के अनुसार, इस अभियान में ईरान के 11 वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया गया, जो इस कार्यक्रम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते थे। इसके अलावा, अराक में एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर पर भी हमला किया गया, ताकि इसका भविष्य में उपयोग न हो सके।

आईडीएफ ने कहा, "मिसाइल निर्माण से संबंधित कई महत्वपूर्ण इकाइयों को भी निशाना बनाया गया। कुल मिलाकर 35 से अधिक ठिकानों, 200 लांचर और ईरान के 50 प्रतिशत लांचरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। इसके साथ ही, 1,500 से अधिक कलपुर्जे, 15 दुश्मन विमान, 90 से ज्यादा लक्ष्य, 80 सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल लांचर और 6 एयरफील्ड पर भी हमले किए गए। सैकड़ों ईरानी सैनिक मारे गए, कई कमांडरों को निशाना बनाया गया और ईरानी सुरक्षा तंत्र के 30 से अधिक वरिष्ठ सदस्य खत्म किए गए।"

आईडीएफ ने कहा कि इस पूरे अभियान में इजरायल को ईरानी हवाई क्षेत्र में पूरी तरह कार्रवाई करने का अवसर मिला और अभियान के सभी लक्ष्य हासिल कर लिए गए।

आईडीएफ ने आगे बताया कि इस मिशन के दौरान अद्वितीय खुफिया जानकारी, तकनीक और हवाई क्षमताओं का उपयोग किया गया। साथ ही, सुरक्षा प्रणाली ने दिन-रात काम किया। इसके अलावा, इजरायली सेना ने उल्लेख किया कि ईरानी आसमान में हवाई श्रेष्ठता बनाते हुए, इजरायली वायु सेना ने 1,500 उड़ानें भरीं और ईरान के रास्ते में लगभग 600 बार ईंधन भरा।

आईडीएफ ने कहा, "पूरे ऑपरेशन के दौरान, लड़ाकू विमानों द्वारा 1,400 हमले किए गए और यूएवी द्वारा 500 हमले किए गए, जिनमें से सबसे दूर मशहद हवाई अड्डे पर, जो इजरायल से लगभग 2,400 किमी दूर है, एक लड़ाकू जेट द्वारा किया गया। इसके अलावा, ईरान से छोड़े गए ड्रोन और मिसाइलों के सैकड़ों हमले रोके गए, जिसमें 99 प्रतिशत ड्रोन मार गिराए गए।"

इजरायली सेना ने उल्लेख किया कि 12 दिन के इस अभियान के दौरान इजरायल में 170 से अधिक स्थानों पर बचाव और राहत दल भी कार्य कर रहे थे।

इससे पहले, मंगलवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि ईरान के साथ संघर्षविराम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है, जिससे 12 दिन की लड़ाई समाप्त हुई।

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में नेतन्याहू ने घोषणा की कि इजरायल ने अपने सैन्य अभियान के सभी रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा किया है, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लायन कहा जाता है। यहाँ तक कि उम्मीद से अधिक प्राप्त किया गया। इसमें परमाणु और मिसाइल के दोहरे खतरों को भी समाप्त किया गया।

Point of View

यह स्थिति स्पष्ट करती है कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे कितने जटिल हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ इजराइल की कार्रवाइयाँ एक सतत चिंता का विषय हैं, लेकिन इसके परिणामस्वरूप होने वाली हिंसा और संघर्ष का कोई समाधान नहीं है। हमें एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है ताकि शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

इस सैन्य अभियान का उद्देश्य क्या था?
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नुकसान पहुँचाना था, क्योंकि इजरायल को डर था कि ये कार्यक्रम उसके लिए खतरा बन सकते हैं।
क्या इस अभियान ने ईरान के परमाणु वैज्ञानिकों को प्रभावित किया?
हाँ, इस अभियान में ईरान के 11 प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया और उन्हें मार दिया गया।
इस सैन्य अभियान के परिणाम क्या रहे?
इस अभियान के परिणामस्वरूप ईरान के तीन प्रमुख परमाणु केंद्रों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे ईरान के परमाणु ढांचे को गंभीर झटका लगा है।
ईरान और इजरायल के बीच संबंध कैसे प्रभावित हुए हैं?
इस अभियान ने ईरान और इजरायल के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है, और संभावित संघर्ष के जोखिम को बढ़ा दिया है।
क्या यह अभियान भविष्य में और संघर्ष को जन्म दे सकता है?
हाँ, इस प्रकार के सैन्य अभियान भविष्य में और संघर्षों को जन्म दे सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।