क्या अखिलेश यादव ने मस्जिद में भाजपा नेताओं के लिए सद्बुद्धि की दुआ मांगी? : एसटी हसन

Click to start listening
क्या अखिलेश यादव ने मस्जिद में भाजपा नेताओं के लिए सद्बुद्धि की दुआ मांगी? : एसटी हसन

सारांश

क्या अखिलेश यादव ने मस्जिद में भाजपा नेताओं के लिए सद्बुद्धि की दुआ मांगी? जानिए पूर्व सपा सांसद एसटी हसन के बयान और इस मुद्दे पर उनके विचार। क्या यह कदम भारत में धार्मिक एकता का प्रतीक है?

Key Takeaways

  • अखिलेश यादव का मस्जिद में जाना धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक है।
  • सपा किसी विशेष धर्म की पार्टी नहीं है।
  • धर्मों के बीच संवाद आवश्यक है।
  • अखिलेश यादव ने भाजपा के लिए दुआ की।
  • सपा सभी धर्मों के प्रति हमदर्दी रखती है।

मुरादाबाद, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव का मस्जिद में सपा सांसदों के साथ बैठक करने का मुद्दा चर्चा में है। पूर्व सपा सांसद एसटी हसन ने अखिलेश के इस कदम का समर्थन करते हुए भाजपा पर कटाक्ष किया। उनका कहना है कि अखिलेश यादव ने भाजपा की सद्बुद्धि के लिए दुआ मांगी।

एसटी हसन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "मस्जिद, मंदिर, चर्च एवं गुरुद्वारा सभी इबादत के स्थान हैं। ये सभी धर्मों के लोगों को जन्म देने वाले एक ही पालनहार की जगहें हैं। इसीलिए अखिलेश यादव ने अपने ईश्वर पर भरोसा करते हुए सपा सांसदों के साथ मस्जिद में प्रवेश किया और वहां दुआ मांगी कि उपरवाले भाजपा के नेताओं को सद्बुद्धि दे और उन्हें राष्ट्रभक्त बनाए।"

उन्होंने आगे कहा, "मैं भाजपा को बताना चाहता हूं कि अखिलेश यादव मस्जिद में उन लोगों के लिए दुआ करने गए थे, क्योंकि वह और सपा के अन्य सदस्य किसी को भी बद्दुआ नहीं देते। समाजवादी पार्टी कोई विशेष धर्म की पार्टी नहीं है, लेकिन यह सभी धर्मों के साथ हमदर्दी रखती है। हमारी पार्टी इंसाफ की बात करती है और इसका कोई दोहरा चरित्र नहीं है, जैसा कि अन्य पार्टियों में देखने को मिलता है।"

एसटी हसन ने कहा, "जब अखिलेश यादव मस्जिद में जाते हैं, तो वे मुसलमानों का हौसला बढ़ाते हैं, और जब मंदिर में जाते हैं, तो वे हिंदुओं का हौसला बढ़ाते हैं। मस्जिद में जाने से हमें हौसला मिला है और अपनापन का एहसास हुआ है। मुसलमान और हिंदू अलग नहीं, बल्कि एक ही हैं।"

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के विरोध प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, "भाजपा के कई अल्पसंख्यक लोग मुसलमान होकर कांवड़ लेकर जाते हैं, लेकिन हमें इससे कोई समस्या नहीं है। जहां एक ओर मंदिर में मुसलमानों के जाने के बाद गंगाजल से शुद्धि की जाती है, वहीं हमारी मस्जिद में अखिलेश यादव सहित हिंदू सांसदों के आने पर कोई शुद्धि नहीं होती। हमारी मस्जिद में सभी इंसान बराबर हैं।"

Point of View

यह घटना भारतीय राजनीति में धार्मिक सहिष्णुता और एकता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। अखिलेश यादव का कदम यह दर्शाता है कि विभिन्न धर्मों के बीच संवाद और समझ जरूरी है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

अखिलेश यादव ने मस्जिद में क्या किया?
उन्होंने सपा सांसदों के साथ मस्जिद में जाकर भाजपा नेताओं के लिए सद्बुद्धि की दुआ मांगी।
एसटी हसन का क्या कहना है?
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने दुआ की कि भाजपा के लोग राष्ट्रभक्त बनें।
क्या समाजवादी पार्टी केवल मुसलमानों की पार्टी है?
नहीं, एसटी हसन ने कहा कि यह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है, जो सभी धर्मों के साथ हमदर्दी रखती है।