क्या जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग लगने से 6 मरीजों की जान गई?

सारांश
Key Takeaways
- जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग लगने की घटना ने सभी को चौंका दिया।
- 6 मरीजों की मृत्यु और 5 की स्थिति गंभीर है।
- मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने घटना स्थल का दौरा किया।
- शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई गई है।
- सुरक्षा उपायों की समीक्षा की आवश्यकता है।
जयपुर, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा आईसीयू में रविवार रात को आग लगने के कारण 6 मरीजों की मृत्यु हो गई और पांच की स्थिति गंभीर है। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी मौके पर पहुंचे।
अस्पताल के इंचार्ज जगदीश मोदी ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। अचानक लगी आग ने एक से दो मिनट में पूरे आईसीयू वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे दूसरे वार्डों में भी भगदड़ मच गई। बाहर निकले मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।
उन्होंने पुष्टि की कि इस घटना में अब तक 6 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है, जिनमें 4 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं।
जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन आईसीयू वार्ड पूरी तरह से जलकर राख हो चुका है। आग बुझाने में दमकलकर्मियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। अस्पताल के स्टाफ ने मरीजों की मदद की और उन्हें जल्दी से दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आग लगने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, हालांकि उन्होंने भी शॉर्ट सर्किट की आशंका व्यक्त की।
एक दमकलकर्मी ने कहा, "आग बुझाने और सभी घायलों को बाहर निकालने में लगभग डेढ़ से दो घंटे का समय लगा। बचाव कार्य के दौरान कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।" उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत खराब थी, आग लगने के बाद धुआं बाहर नहीं निकल पाया था, जिससे आग बुझाने में मुश्किल हुई।
एक चश्मदीद ने बताया कि आग लगने के बाद अस्पताल में अफरातफरी मच गई थी। अस्पताल का स्टाफ भी भाग रहा था।
अस्पताल के लिफ्ट मैन ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर कुछ स्टाफ आग बुझाने में जुट गया था, जबकि कुछ ने मरीजों को बाहर निकालना शुरू कर दिया था। लिफ्ट मैन ने कहा कि घटना के समय सभी मरीजों को बाहर निकाला जा चुका था। बाद में दम घुटने के कारण उनकी मृत्यु हुई होगी।
इस घटना में अपनी मां को खोने वाले नरेंद्र ने बताया कि उनकी मां की तबीयत में सुधार के बाद उन्हें दोपहर में सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जाना था। लेकिन उससे पहले ही आग लगने के कारण उनकी मां की मृत्यु हो गई।
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उनकी भाभी पिछले करीब दो हफ्ते से अस्पताल में भर्ती थीं। आग बहुत ज्यादा लगी हुई थी। भतीजे ने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। मां को बचाते समय लड़के का दम घुटने लगा था, जिससे अब उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है।