क्या जलवायु परिवर्तन ने मेलिसा तूफान को और ताकतवर बनाया?

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क्या जलवायु परिवर्तन ने मेलिसा तूफान को और ताकतवर बनाया?

सारांश

हरिकेन मेलिसा ने जमैका और क्यूबा में तबाही मचाई, और वैज्ञानिकों ने बताया कि इसकी शक्ति जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ी है। क्या इस तूफान ने हमें एक चेतावनी दी है?

Key Takeaways

  • जलवायु परिवर्तन तूफानों की तीव्रता बढ़ा रहा है।
  • मेलिसा ने जमैका और क्यूबा में भारी नुकसान पहुँचाया।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार, तूफानों की संख्या बढ़ रही है।
  • 735,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।
  • तूफानों की तैयारी पहले से करना आवश्यक है।

नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जलवायु संकट के चलते विश्व कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। हाल ही में, जमैका और क्यूबा पर कहर बनकर टूटने वाला हरिकेन मेलिसा इस बात का एक और उदाहरण है। वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने यह निष्कर्ष निकाला है कि मेलिसा की भयावहता जलवायु संकट के कारण और बढ़ गई है।

अध्ययन के अनुसार, मेलिसा जैसे तीव्रता वाले तूफान अब जलवायु परिवर्तन के कारण पहले की तुलना में पांच गुना अधिक

28 अक्टूबर को श्रेणी-5 (कैटेगरी-5) हरिकेन के रूप में जमैका से टकराए मेलिसा ने 185 मील प्रति घंटे (लगभग 300 किमी/घं.) की रफ्तार से तबाही मचाई। इसने घरों, फसलों और रास्ते में जो कुछ भी आया उसे तहस-नहस कर दिया, जिसके चलते देश की जीडीपी का लगभग एक-तिहाई हिस्सा नुकसान के रूप में दर्ज हुआ।

तूफान ने सैकड़ों हजारों लोगों को विस्थापित कर दिया और आगे बढ़ते हुए क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक और हैती तक विनाश फैलाया।

'विश्व मौसम अभिगणना समूह' (वर्ल्ड वेदर एट्रीब्यूशन) के वैज्ञानिकों ने पाया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मेलिसा के अधिकतम पवन वेग में 7 प्रतिशत और अत्यधिक वर्षा में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

इस टीम में अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, डोमिनिकन रिपब्लिक, नीदरलैंड्स, जमैका और क्यूबा के 20 वैज्ञानिक शामिल थे।

अध्ययन के अनुसार, जमैका में मेलिसा के दौरान हुई पांच दिनों की लगातार भारी वर्षा जैसी घटनाएं अब लगभग 30 प्रतिशत अधिक तीव्र और दो गुना अधिक संभावित हो गई हैं क्योंकि वैश्विक औसत तापमान अब औद्योगिक युग से पहले की तुलना में लगभग 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक हो चुका है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ती गर्मी ने वायुमंडलीय और समुद्री परिस्थितियों को इतना अस्थिर बना दिया है कि मौसम संबंधी ऐसी चरम घटनाएं अब छह गुना अधिक देखी जा रही हैं।

'इंपीरियल कॉलेज लंदन' की जलवायु वैज्ञानिक फ्रीडरिक ओटो, जो इस अध्ययन की सह-लेखिका हैं, ने कहा — “हरिकेन मेलिसा और हाल के अन्य विनाशकारी तूफान दिखाते हैं कि जलवायु परिवर्तन इन्हें इतना शक्तिशाली बना रहा है कि जल्द ही करोड़ों लोग इससे बचने के लिए संघर्ष कर रहे होंगे। अगर हम कोयला, तेल और गैस जलाना बंद नहीं करते, तो ऐसे संकट और तेजी से बढ़ेंगे।”

मेलिसा हाल के वर्षों में उन तूफानों में से एक है जिसने रैपिड इंटेंसिफिकेशन यानी बेहद कम समय में अपनी ताकत कई गुना बढ़ा ली। सिर्फ एक दिन में इसका पवन वेग 68 मील प्रति घंटे से बढ़कर 139 मील प्रति घंटे तक पहुंच गया — जो इस तूफान की असामान्य गति और जलवायु संकट की गंभीरता को दर्शाता है।

रिपोर्ट के अंत में कहा गया है कि हालांकि तूफान की जानकारी दोनों देशों (जमैका और क्यूबा) के पास सात दिन पहले थी और दोनों ने इसकी तैयारी भी कर ली थी लेकिन ऐसे तूफानों की भयावहता को लेकर पहले से ही कुछ अनुमान लगाना लगभग असंभव है।

क्यूबा में इसकी वजह से निचले और तटीय इलाकों से 735,000 से ज्यादा लोगों को निकाला गया। जमैका में, 881 इमरजेंसी शेल्टर खोले गए, कई लोगों को प्रभावित स्थलों से बाहर निकाला गया, इमरजेंसी सप्लाई पहले से पहुंचा दी गईं, एयरपोर्ट बंद कर दिए गए, और क्रूज शिप का रास्ता बदल दिया गया।

इन कोशिशों से शायद कई जानें बचीं। हालांकि और भी प्रयास किए जा सकते थे, लेकिन इतने तेज तूफान के साथ हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि सब कुछ परफेक्ट होगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना हम सभी को करना पड़ रहा है। मेलिसा जैसे तूफान केवल एक शुरुआत हो सकते हैं। हमें अब से सावधान रहना होगा और ठोस कदम उठाने होंगे।
NationPress
06/11/2025

Frequently Asked Questions

हरिकेन मेलिसा क्या है?
हरिकेन मेलिसा एक श्रेणी-5 का तूफान है जिसने जमैका और क्यूबा में भारी तबाही मचाई।
जलवायु परिवर्तन का मेलिसा पर क्या प्रभाव पड़ा?
वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने मेलिसा की अधिकतम पवन वेग और वर्षा में वृद्धि की है।
इस तूफान के कारण कितने लोग विस्थापित हुए?
क्यूबा में 735,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए।
क्या इस तूफान के लिए किसी तैयारी की गई थी?
हाँ, जमैका और क्यूबा ने तूफान की जानकारी मिलने पर तैयारी की थी।
क्या ऐसे तूफान भविष्य में और आएंगे?
हां, जलवायु परिवर्तन के चलते ऐसे तूफानों की संख्या बढ़ने की संभावना है।