क्या जम्मू-कश्मीर में राहत कार्य तेज हो रहे हैं?

सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं।
- पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू की गई है।
- बिजली और जलापूर्ति में सुधार हो रहा है।
- डोडा जिले में सड़क संपर्क बहाल किया गया है।
- कठुआ में नया बाईपास मार्ग बनाया जा रहा है।
श्रीनगर, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित जनजीवन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। सैकड़ों रास्ते, जो पूरी तरह से अवरुद्ध हो चुके थे, अब दुरुस्त कर दिए गए हैं। रियासी और रामबन जिलों में रास्तों के बंद होने के चलते लोकल पैसेंजर ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "लगातार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण जम्मू-कश्मीर के रियासी और रामबन जिलों में सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में फंसे यात्रियों को राहत पहुंचाने के लिए 8 सितंबर से 12 सितंबर तक श्री माता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन से संगलदान स्टेशन तक दो पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू की जाएगी।"
उन्होंने आगे लिखा, "यह ट्रेन सेवा रियासी, बक्कल और दुग्गा स्टेशनों के रास्ते संचालित होगी और फंसे यात्रियों को तुरंत राहत प्रदान करेगी। इसके अलावा, यह सेवा तब तक एक जीवनरेखा के रूप में काम करेगी जब तक कि सड़क संपर्क पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाता।"
डोडा जिले की वर्तमान स्थिति का उल्लेख करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-244 पर भूस्खलन के कारण आए मलबे को हटा दिया गया है और अब यह मार्ग यातायात के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा, लिंक रोड भी बहाल हो चुके हैं, जिससे दूरस्थ इलाकों के हजारों लोग फिर से मुख्यधारा से जुड़ गए हैं।
जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि जलापूर्ति की स्थिति में सुधार हो रहा है। 21 योजनाएं पूरी तरह से कार्यरत हैं, 188 आंशिक रूप से और 4 अस्थायी रूप से सक्रिय हैं। बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में भी तेजी से कार्य हो रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि सभी 33 केवी लाइनें अब पूरी तरह से कार्यरत हैं और अधिकांश 11 केवी फीडर और वितरण ट्रांसफार्मरों को बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है। इसके अलावा, खराब मौसम के चलते प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राशन सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।
कठुआ जिले की स्थिति के बारे में भी जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कठुआ के बसोहली-बनी मार्ग पर स्थित टिकरी मोड़ (बसोहली से 47 किमी दूर) पर लगातार बारिश के कारण सड़क का एक बड़ा हिस्सा बहकर पूरी तरह नष्ट हो गया था, जिससे सड़क पर एक बड़ा अंतराल आ गया था और यातायात पूरी तरह से ठप हो गया था। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सीमा सड़क संगठन ने खराब मौसम और दुर्गम भू-भाग के बावजूद एक नया बाईपास मार्ग तैयार करने का चुनौतीपूर्ण कार्य शुरू किया। जोखिम भरे हालात में मशीनों और कर्मियों ने साहसिक प्रयासों के साथ वैकल्पिक मार्ग का निर्माण किया।