क्या जामनगर की कलाकार ने दीपावली पर देशभक्ति और बलिदान की कहानी बयां करती ‘शौर्य’ रंगोली बनाई?

सारांश
Key Takeaways
- शौर्य रंगोली ने बलिदान और देशभक्ति का संदेश दिया है।
- यह रंगोली आतंकवाद के खिलाफ भारतीयों की एकता को दर्शाती है।
- कलाकार ने इसे १० दिन में तैयार किया है।
- यह कलाकृति शहीदों को श्रद्धांजलि है।
- रंगोली में भारतीय सैनिकों की बहादुरी का प्रतीक है।
जामनगर, १६ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के जामनगर की एक प्रतिभाशाली कलाकार ने इस वर्ष दीपावली के पावन अवसर पर देशभक्ति और बलिदान की एक प्रभावशाली कहानी बयां करती रंगोली तैयार की है, जिसने हर भारतीय के दिल को छू लिया।
उनकी कलाकृति का शीर्षक ‘शौर्य’ (एक राष्ट्र, एक ज्योति) है। यह महिला कलाकार पिछले १५ वर्षों से घर पर विभिन्न विषयों पर रंगोली बनाती आ रही हैं। इस रंगोली का विषय केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह २२ अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले में शहीद हुए २६ निर्दोष लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी है।
कलाकार ने बताया कि उन्होंने अपनी रंगोली के हर कण में भारत की मिट्टी, बलिदान के रक्त और देशभक्ति की आग को उकेरा है। रंगोली में एक ओर भारतीय महिला का चेहरा दर्शाया गया है, जो हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के दुःख का प्रतीक है। उसकी आँखों में दर्द और बेबसी झलकती है, जो पूरे देश के दुःख को प्रतिध्वनित करती है। दूसरी ओर, भारतीय सैनिक का चेहरा उभरता है, जिसकी आँखों में क्रोध, साहस और न्याय की तीव्र इच्छा झलकती है। यह सैनिक हर भारतीय के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ जज्बे का प्रतिनिधित्व करता है।
रंगोली के केंद्र में भारतीय लड़ाकू विमान तिरंगे की पृष्ठभूमि में उड़ान भरते दिखाई देते हैं, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदेश – न्याय, प्रतिशोध और एकता – का प्रतीक हैं।
रंगोली कलाकार रिद्धि ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "हर साल जामनगर में अपने निवास स्थान पर किसी भी एक विषय का चयन कर विशेष थीम पर रंगोली बनाती हूं। इस बार की थीम का शीर्षक ‘शौर्य’ (एक राष्ट्र, एक ज्योति) है। यह रंगोली केवल श्रद्धांजलि नहीं है, बल्कि यह संदेश है कि भारत आतंकवाद के आगे कभी नहीं झुकेगा। हमारे सैनिकों की बहादुरी और हमारे राष्ट्र की ज्योति हमेशा जलती रहेगी।"
उन्होने बताया कि लगभग पाँच फीट लंबी और चार फीट चौड़ी यह रंगोली साधारण चिरोड़ी रंगों से बनाई गई है और इसे तैयार करने में लगभग दस दिन का अथक प्रयास लगा। रंगोली अब पूरी हो गई है और इसे देखने के लिए स्थानीय लोग बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
कलाकार रिद्धि ने कहा कि यह कलाकृति पहलगाम आतंकवादी हमले के सभी निर्दोष पीड़ितों को समर्पित है। जामनगर के हृदय में रची गई यह रंगोली सिर्फ एक कलाकृति नहीं, बल्कि राष्ट्र की भावना और देशभक्ति की प्रतीक है।