क्या झारखंड में सरकारी स्कूलों में मिलेगी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा? सीएम हेमंत सोरेन ने 301 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र सौंपे

सारांश
Key Takeaways
- सीएम हेमंत सोरेन ने 301 सहायक आचार्यों को नियुक्ति पत्र दिए।
- राज्य में 26 हजार शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू हुई।
- सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
- शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करना होगा।
- अभिभावकों का शिक्षा के प्रति समर्पण महत्वपूर्ण है।
रांची, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेएसएससी (झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन) द्वारा आयोजित नियुक्ति परीक्षा में सफल 301 सहायक आचार्यों (शिक्षकों) को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इनमें गणित और विज्ञान के 131 स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य तथा कक्षा 1 से 5 के लिए 170 इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य शामिल हैं।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार सरकारी विद्यालयों को निजी विद्यालयों के समान संचालन की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में अब तक बड़ी संख्या में नियुक्तियां की गई हैं और आगे 26 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया शुरू की गई है।
नव नियुक्त सहायक आचार्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभिभावक अपनी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं। ऐसे में शिक्षकों का दायित्व है कि वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आपको मिलने वाला पारिश्रमिक आम जनता के टैक्स से आता है। इसलिए बच्चों के भविष्य को संवारने में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। राज्य में कई अभिभावक अब निजी विद्यालयों से बच्चों का नाम कटवा कर सीएम उत्कृष्ट विद्यालयों में दाखिला करा रहे हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है। उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सरकार को सुझाव दें।
कार्यक्रम में मंत्री संजय प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, शिक्षा सचिव उमा शंकर सिंह, परियोजना निदेशक शशि रंजन, प्राथमिक शिक्षा निदेशक मनोज रंजन सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और उनके परिजन उपस्थित रहे।