क्या झारखंड ने दुमका में फ्लाइंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया?
सारांश
Key Takeaways
- फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का उद्घाटन झारखंड के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
- हर वर्ष 30 युवाओं को कमर्शियल पायलट प्रशिक्षण मिलेगा।
- आरक्षित वर्ग के 15 युवाओं का प्रशिक्षण निःशुल्क होगा।
- मुख्यमंत्री का आश्वासन कि यह संस्थान गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
- यह संस्थान झारखंड को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद करेगा।
दुमका, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के दुमका के सिदो-कान्हू हवाईअड्डे पर राज्य सरकार द्वारा स्थापित झारखंड फ्लाइंग इंस्टीट्यूट का औपचारिक उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया। यह इंस्टीट्यूट, जो कि भारत सरकार के डायरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) से मान्यता प्राप्त है, हर वर्ष राज्य के 30 युवाओं को कमर्शियल पायलट का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। इनमें से आरक्षित वर्ग के 15 युवाओं को दिया जाने वाला प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क होगा।
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने पर झारखंड विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2008 में जिसकी आधारशिला रखी गई थी, वह फ्लाइंग इंस्टीट्यूट आज अपने सपनों के पंख खोल चुका है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संस्थान न सिर्फ झारखंड के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण विमानन प्रशिक्षण प्रदान करेगा, बल्कि झारखंड को विमानन क्षेत्र में राष्ट्रीय पहचान भी दिलाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल के दौरान विमान सेवा के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के बाद अब उन परिवारों के युवाओं को पायलट और विमान इंजीनियर बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। कार्यक्रम में उन्होंने प्रशिक्षण सुविधाओं, सिम्युलेटर, सुरक्षा प्रक्रियाओं और फ्लाइट ऑपरेशंस का निरीक्षण भी किया।
इसी कार्यक्रम में उन्होंने विभिन्न विभागों की 190.64 करोड़ रुपए की 12 परियोजनाओं का उद्घाटन किया और 123.48 करोड़ रुपए की 14 योजनाओं की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जो कहती है, वह करके दिखाती है। उन्होंने 'मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति' योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत हर वर्ष 25 छात्रों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए पूर्ण सहायता प्राप्त होगी।
उन्होंने गांवों पर केंद्रित शासन मॉडल का जिक्र करते हुए बताया कि “सेवा का अधिकार” कार्यक्रम के तहत अधिकारी पंचायत स्तर पर जाकर जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निर्धारित समय सीमा में शिकायतों का निस्तारण नहीं करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। कार्यक्रम में सांसद नलिन सोरेन, विधायक बसंत सोरेन, प्रदीप यादव, लुईस मरांडी, आलोक सोरेन सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और आमजनों की उपस्थिति थी।