क्या झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार 2.0 का एक वर्ष पूरा हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- 8,792 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए हैं।
- नियुक्तियां विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर की गई हैं।
- सरकार ने पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया का पालन किया है।
- 2024 में 16,000 सरकारी नियुक्तियों का लक्ष्य है।
- महिलाओं और बेटियों की बड़ी संख्या में भागीदारी।
रांची, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष शुक्रवार को पूर्ण हुआ। इस अवसर पर, राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों में चुने गए 8,792 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। ये नियुक्तियां उपसमाहर्ता, पुलिस उपाधीक्षक, काराधीक्षक, झारखंड शिक्षा सेवा, जिला समादेष्टा, श्रम अधीक्षक, प्रोबेशन पदाधिकारी, निरीक्षक उत्पाद, दंत चिकित्सक, सहायक आचार्य और कीटपालक सहित अन्य पदों पर की गई हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 'अबुआ सरकार' (अपनी सरकार) के पहले वर्ष के साथ ही झारखंड अपने निर्माण के 25 वर्ष पूरे कर गर्व महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज राज्य के हजारों युवाओं को सरकारी सेवा में प्रवेश का अवसर प्राप्त हुआ है।
सोरेन ने कहा कि इस वर्ष लगभग 9,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं, जबकि 2024 में कुल 16,000 सरकारी नियुक्तियों का लक्ष्य है। वहीं, निजी क्षेत्र में 8,000 से अधिक युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि 2020 से 2024 के बीच राज्य में 24-25,000 सरकारी नियुक्तियां और करीब 28,000 निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि आज यहां उपस्थित युवा जनसमूह सरकार की पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और बढ़ते विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “25 साल के हमारे युवा राज्य में शायद पहले कभी एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नियुक्ति नहीं दी गई होगी।” यह अवसर भावुक करने वाला है, क्योंकि राज्य गठन के प्रेरणा स्रोत दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन हमारे बीच नहीं हैं।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर सरकार के कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि कई स्तरों पर भ्रम फैलाने और नियुक्ति प्रक्रियाओं को रोकने की साजिशें की गई, लेकिन सरकार ने सभी बाधाओं के बावजूद युवाओं को अवसर देने का कार्य जारी रखा। उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और इसमें किसी प्रकार के 'पैसे या पैरवी' का कोई स्थान नहीं है।
उन्होंने उल्लेख किया कि वर्तमान नियुक्तियों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बेटियां शामिल हैं, जो राज्य में सामाजिक बदलाव का संकेत है। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों से राज्य के विकास में साझेदार बनने की अपील की और कहा कि सभी नवपदस्थ अधिकारी अपने-अपने जिलों में जा कर एक-एक युवक को अपने जैसा सक्षम बनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के विस्तार से राज्य की आने वाली पीढ़ियां विकास की मुख्यधारा में तेजी से शामिल होंगी।
कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री राधाकृष्ण किशोर, डॉ. इरफान अंसारी, योगेंद्र प्रसाद, शिल्पी नेहा तिर्की, संजय प्रसाद, सुदिव्य कुमार सोनू, दीपिका पांडेय सिंह, हफीजुल अंसारी, चमरा लिंडा, दीपक बिरूआ, सांसद महुआ माजी और विधायक कल्पना सोरेन सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।