क्या जितेंद्र आव्हाड का बयान शर्मनाक है? चंद्रशेखर बावनकुले का स्पष्टीकरण

सारांश
Key Takeaways
- जितेंद्र आव्हाड का बयान विवादास्पद है।
- चंद्रशेखर बावनकुले ने इसे राजनीतिक रणनीति बताया।
- सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को फटकार लगाई।
- राज ठाकरे का बयान हिंदी बोलने वालों के प्रति सकारात्मक है।
नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड द्वारा सनातन के बारे में दिए गए विवादास्पद बयान को एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया गया है। चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि जितेंद्र आव्हाड केवल अपनी निर्वाचन क्षेत्र में पुनः चुनाव के लिए ऐसा कह रहे हैं। यदि वे इस तरह के बयान नहीं देते हैं, तो उन्हें चुनाव में सफलता नहीं मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि जितेंद्र आव्हाड जानबूझकर ऐसे बयान देते हैं ताकि मीडिया की सुर्खियों में बने रहें। यदि वे बार-बार सनातन हिंदू धर्म की आलोचना करते रहेंगे, तो सनातन धर्म
सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारत-चीन के संबंधों पर की गई टिप्पणी के लिए फटकार लगाई, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राहुल गांधी को कई बार विभिन्न लोगों द्वारा फटकार लगाई गई है। जनता ने भी उन्हें खारिज कर दिया है, और उनकी पार्टी के कार्यकर्ता भी उन्हें छोड़कर जा रहे हैं। उनके पास न कोई दिशा है, न कोई लक्ष्य; वे कहाँ जा रहे हैं, यह भी पता नहीं।
उन्होंने आगे कहा कि उनके पास देश के विकास के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है। देश के लिए कांग्रेस पार्टी की कोई स्पष्ट सोच नहीं है। नेताओं में देश को लेकर एक विजन होना चाहिए, लेकिन राहुल गांधी के पास इसकी कमी है। उन्हें अभी बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता है।
वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं को हिंदी भाषियों के साथ अच्छा व्यवहार करने की सलाह दी है, जिसका चंद्रशेखर बावनकुले ने स्वागत किया है।
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र की जनता और सभी पार्टियों ने स्वीकार किया है कि मराठी भाषा हमारे खून में है। यह हमारी मातृभाषा है। हम मराठी के लिए जीते हैं। मराठी भाषा हमारी पहचान है। इसके बावजूद, यदि कोई हिंदी बोलता है, तो वह गलत नहीं है। मराठी बोलना हमारी अस्मिता है, लेकिन हिंदी बोलने वालों के साथ हिंसा करना गलत है। राज ठाकरे के इस बयान का मैं स्वागत करता हूँ।"