क्या जुबीन गर्ग का निधन संगीत जगत के लिए एक बड़ी क्षति है?

सारांश
Key Takeaways
- जुबीन गर्ग का निधन संगीत जगत की एक बड़ी क्षति है।
- उनकी आवाज में एक अद्वितीय जादू था।
- उन्होंने अनेक भाषाओं में संगीत दिया।
- उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
- उन्हें कई पुरस्कार मिले, जो उनके कौशल को दर्शाते हैं।
नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध सिंगर और म्यूजिक कंपोजर जुबीन गर्ग का निधन हो गया है। उन्होंने अपने संगीत करियर में कई बेहतरीन गाने गाए, जिन्हें लोगों ने बेहद पसंद किया। उनकी आवाज में एक अद्वितीय जादू था, जो हर किसी को दीवाना बना देता था। उनके निधन की खबर से संगीत जगत में गहरा शोक छा गया है।
पूर्व सांसद और असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रिपुन बोरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमारे सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग के असमय निधन से गहरा सदमा और शोक हुआ। उनकी आवाज, संगीत और अटूट जोश ने असम और उससे परे कई पीढ़ियों को प्रेरित किया। उनके परिवार, प्रशंसकों और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।"
जुबीन गर्ग न केवल एक उत्कृष्ट गायक थे, बल्कि एक अभिनेता, संगीतकार, निर्देशक, निर्माता और पटकथा लेखक भी थे। असमिया संगीत जगत में उनका नाम बेहद प्रभावशाली था। उन्होंने कन्नड़, कार्बी, मलयालम, मराठी, नेपाली, उड़िया, संस्कृत, सिंधी, तमिल, और तेलुगु जैसी कई भाषाओं में संगीत दिया और फिल्मों में अभिनय किया।
उनकी खासियत यह थी कि उनकी आवाज में एक अलग तरह की ऊर्जा थी, जो सीधे दिल तक पहुंचती थी। जुबीन गर्ग ने हिंदी फिल्मों के साथ-साथ असमिया और बंगाली फिल्मों में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
उनके संगीत की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कई सुपरहिट गाने दिए, जिनमें 'गैंगस्टर' का 'या अली' और ऋतिक रोशन की 'कृष 3' फिल्म का 'दिल तू ही बता' जैसे गाने शामिल हैं।
जुबीन गर्ग को उनके संगीत और फिल्मों के लिए कई पुरस्कार मिले। 2009 में उन्हें 55वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशन के लिए सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कई क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार भी प्राप्त किए, जिनमें स्क्रीन अवार्ड्स, फिल्मफेयर पुरस्कार, आईफा पुरस्कार और कई अन्य सम्मान शामिल हैं।