क्या फसल हुई खराब तो केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एचपीएम केमिकल्स कंपनी का लाइसेंस रद्द किया?

सारांश
Key Takeaways
- कृषि मंत्री का निर्णय किसानों की भलाई के लिए है।
- एचपीएम केमिकल्स का लाइसेंस रद्द किया गया।
- किसानों की शिकायतों पर कार्रवाई की गई।
- किसान को राहत दिलाने के लिए नया कानून बनाने की बात।
- नकली उत्पादों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिया कि गुरुवार को कीटनाशक बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। राजस्थान की एचपीएम केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, एचपीएम कंपनी का रजिस्ट्रेशन राजस्थान में था और यह कंपनी देश के विभिन्न राज्यों में कीटनाशकों की सप्लाई करती थी। किसानों की शिकायतों के बाद राजस्थान सरकार ने जांच शुरू की, जिसमें कंपनी के सैंपल घटिया पाए गए। इसके चलते कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
जांच में यह भी सामने आया कि एचपीएम के कीटनाशकों के इस्तेमाल से मध्य प्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल खराब हुई थी। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद विदिशा के एक खेत में खराब फसल का जायजा लिया था।
इसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। कृषि मंत्री के निर्देश पर कंपनी का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। साथ ही इसके सभी कीटनाशक उत्पादों के निर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने 17 अगस्त को विदिशा के छीरखेड़ा का दौरा किया था।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था, "मैं विदिशा के छीरखेड़ा आया। मुझे शिकायत मिली थी कि खरपतवार नाशक दवाई के कारण किसानों की सोयाबीन की फसल खराब हो गई। मैंने तय किया कि खुद निरीक्षण करूंगा। यहां मैंने देखा कि खेत में सोयाबीन की जगह खरपतवार है। एक उच्चस्तरीय वैज्ञानिकों का दल खेतों की जांच करेगा। कंपनी के खिलाफ विधि सम्मत सख्त कार्रवाई करेंगे। किसान की फसल उसका जीवन है। इसलिए किसान को राहत मिले, इसकी व्यवस्था करेंगे। किसानों को पूरा न्याय दिलाया जाएगा। साथ ही घटिया और नकली दवाइयां देने वाली कंपनियों के खिलाफ देशभर में अभियान चलाया जाएगा।"
साथ ही उन्होंने किसानों से भी अपील की थी। उन्होंने कहा था, "मैं देशभर के किसानों से कहना चाहता हूं कि अगर कहीं दवाई डालने से फसल खराब हुई है तो आप मेरे पास शिकायत भेजें। हम जांच करेंगे और संबंधित कंपनी के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। हम नकली कीटनाशकों और खाद के खिलाफ पूरे देश में अभियान चलाएंगे। एक टोल फ्री नंबर भी जारी करेंगे। किसानों को लूटने का धंधा हम चलने नहीं देंगे। हम नया कानून भी बनाएंगे।"