क्या केरल में एक पिता ने अपने बेटे के इंजीनियरिंग दाखिले के लिए पैसे नहीं जुटाने पर आत्महत्या की?

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क्या केरल में एक पिता ने अपने बेटे के इंजीनियरिंग दाखिले के लिए पैसे नहीं जुटाने पर आत्महत्या की?

सारांश

केरल में एक पिता की आत्महत्या ने आर्थिक संकट और प्रशासनिक विफलताओं के बीच गंभीर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने राज्य में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। क्या यह सिर्फ एक व्यक्तिगत त्रासदी है, या यह एक व्यापक समस्या का संकेत है?

Key Takeaways

  • आर्थिक संकट के कारण आत्महत्याएं बढ़ रही हैं।
  • शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासनिक विफलताएं हैं।
  • परिवार की आर्थिक स्थिति का समाज पर गहरा प्रभाव है।

कोच्चि, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केरल के पथानामथिट्टा जिले में एक 47 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर लंबे समय से चल रहे वित्तीय संकट के कारण आत्महत्या कर ली। स्थानीय अधिकारियों और रिश्तेदारों के अनुसार, वह अपने हालात से बहुत आहत था क्योंकि वह अपने बेटे को इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश दिलाने के लिए आवश्यक राशि नहीं जुटा पाया था।

अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान कोच्चि से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में रन्नी निवासी वी.टी. शिजो के रूप में की गई। शिजो को रविवार शाम को जिले के मूंगमपारा वन क्षेत्र में फंदे से लटका हुआ पाया गया।

उनका सपना था कि उनका बेटा तमिलनाडु के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले, लेकिन वह पैसे का इंतजाम नहीं कर सके।

शिजो की पत्नी, लेखा रवींद्रन, एक स्कूल में शिक्षिका हैं, लेकिन उन्हें भी 12 साल से वेतन नहीं मिला है, जिससे परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था।

परिवार का कहना है कि केरल उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को वेतन जारी करने का निर्देश दिया था, लेकिन कथित नौकरशाही देरी और जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से कार्रवाई न करने के कारण परिवार तक पैसा नहीं पहुंचा।

एक रिश्तेदार ने जानकारी दी, "वह अत्यधिक तनाव में था क्योंकि परिवार अपने बेटे के कॉलेज में दाखिले के लिए आवश्यक पैसे नहीं जुटा पा रहा था।"

यह घटना केरल में आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्याओं के एक चिंताजनक पैटर्न को दर्शाती है। हाल के वर्षों में, राज्य में कई ऐसी त्रासदियां हुई हैं, जिनमें ऋण वसूली और कृषि ऋण से जुड़ी घटनाएं भी शामिल हैं।

शिजो की पत्नी, जो एक सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल में शिक्षिका थीं, एक दशक से अधिक समय से वेतन से वंचित थीं। यह मामला लोक प्रशासन प्रणाली की दक्षता और जवाबदेही पर सवाल खड़े कर रहा है।

शिजो की आत्महत्या ने प्रशासनिक विफलताओं की गहन जांच की मांग को जन्म दिया है, जिससे परिवार की आर्थिक तंगी और बढ़ गई।

मृतक का नाम त्यागराजन था, जो किसान संगठन, कर्षका संघम के जिला समिति के सदस्य थे।

Point of View

बल्कि यह हमारे समाज में आर्थिक असमानता और प्रशासनिक विफलताओं की एक गहरी समस्या का प्रतिनिधित्व करती है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति ऐसे हालात में न पहुंचे कि उसे आत्महत्या का कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़े।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना के पीछे का मुख्य कारण क्या था?
मुख्य कारण आर्थिक संकट था, जिसने पिता को अपने बेटे के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के लिए आवश्यक धन जुटाने में असमर्थ बना दिया।
क्या इस तरह की घटनाएं केरल में आम हैं?
हाँ, पिछले कुछ वर्षों में केरल में आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्याओं की कई घटनाएं हुई हैं, जो एक चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाती हैं।