क्या कांग्रेस ने 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' की नकली व झूठी बैसाखियों का सहारा लिया? : केशव

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क्या कांग्रेस ने 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' की नकली व झूठी बैसाखियों का सहारा लिया? : केशव

सारांश

लखनऊ में भाजपा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये शब्द केवल सत्ता में बने रहने के लिए इस्तेमाल किए गए। जानें इस राजनीतिक घमासान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता का सहारा लिया
  • समाजवाद का असली चेहरा बेनकाब हुआ
  • सत्ता के लिए तुष्टिकरण की राजनीति
  • उत्तर प्रदेश की राजनीति में ध्रुवीकरण
  • जनता की समझदारी पर जोर

लखनऊ, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद इन दिनों सक्रिय रूप से राजनीति में बने हुए हैं। वह सपा के मुखिया अखिलेश यादव के हर तंज का तगड़ा जवाब दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर भी जोरदार पलटवार किया है।

केशव ने एक बार फिर सपा को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश पर लंबे समय तक राज करने के लिए 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' जैसे शब्दों का सहारा लिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर कांग्रेस की तीखी आलोचना की।

भाजपा के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर लिखा कि 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' की नकली और झूठी बैसाखियों का सहारा लेकर कांग्रेस ने लंबे समय तक देश की सत्ता को अपने शिकंजे में कसने का सपना देखा था। लेकिन समय ने उसका यह तिलिस्म तोड़ दिया। फिर भी, वह अभी भी इन जर्जर बैसाखियों से सत्ता की उम्मीद लगाए बैठी है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अक्सर प्रदेश सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुखर रहते हैं, जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उनके आरोपों का जवाब देते रहते हैं। इसके साथ ही केशव ने कांग्रेस की नीतियों पर भी कड़ा रुख रखा है।

उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर राजनीति काफी सक्रिय रही है। लोकसभा चुनाव में सपा के पीडीए के नारे को केशव परिवारवाद से जोड़ते हुए निशाना साधते दिखाई देते हैं। उन्होंने इमरजेंसी के मामले पर कांग्रेस का भी घेराव किया है।

हाल ही में केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और सपा का असली चेहरा अब जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुका है। इन दलों की तुष्टिकरण की राजनीति, झूठ से लिपटी धर्मनिरपेक्षता और मजहबी वोट बैंक के लिए राष्ट्रहित से समझौता करने की नीति अब जनता स्वीकार नहीं कर रही है।

--- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/एएस

Point of View

बल्कि यह भारतीय राजनीति के मूल सिद्धांतों पर सवाल उठाता है। हमें एक ऐसी पार्टी की आवश्यकता है जो वास्तव में जनता के हित के लिए काम करे, न कि केवल सत्ता के लिए।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता का सहारा क्यों लिया?
कांग्रेस ने लंबे समय तक सत्ता में बने रहने के लिए 'धर्मनिरपेक्षता' जैसे शब्दों का उपयोग किया, ताकि विभिन्न समुदायों के वोटों को हासिल किया जा सके।
क्या समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता असली हैं?
'धर्मनिरपेक्षता' और 'समाजवाद' का वास्तविक अर्थ तब ही समझा जा सकता है जब ये नीतियां राष्ट्रीय हित में कार्य करें, न कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए।