क्या पश्चिम बंगाल में सांसद खगेन मुर्मू पर हुए हमले ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- खगेन मुर्मू और शंकर घोष पर हमला हुआ।
- भाजपा ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया।
- इस घटना ने राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है।
- दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की गई है।
- यह हमला राहत कार्य में बाधा डालने के लिए किया गया था।
कोलकाता, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल में बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री वितरित करते समय सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष पर हुए हमले की भाजपा ने तीव्र निंदा की है।
भाजपा ने इसके विरोध में एक राज्यव्यापी प्रदर्शन शुरू कर दिया है। मंगलवार की शाम को भाजपा ने दक्षिण 24 परगना जिले के गंगासागर स्थित रुद्र नगर में एक विरोध रैली का आयोजन किया।
सूत्रों के अनुसार, सोमवार को उत्तर बंगाल के नागराकाटा में बामनडांगा चाय बागान में बाढ़ का जायजा लेने गए सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर एक हिंसक भीड़ ने हमला किया।
उन पर पत्थर और ईंटें फेंकी गईं, जिससे सांसद खगेन मुर्मू के सिर में चोट आई और उनकी आंख के नीचे की हड्डी टूट गई। उनका इलाज सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
इस घटना के विरोध में भाजपा कार्यकर्ता राज्य भर में सड़कों पर उतर आए हैं। रुद्रनगर रैली के दौरान भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित उपद्रवियों द्वारा एक पूर्व-नियोजित योजना के तहत किया गया था।
भाजपा नेताओं का कहना है कि यह हमला राहत वितरण कार्यों में बाधा डालने के लिए किया गया। उन्होंने सांसद पर हुए जानलेवा हमले की निंदा करते हुए दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर पूरे राज्य में राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
भाजपा सांसद मुकेश दलाल ने कहा कि खगेन मुर्मू लगातार पश्चिम बंगाल के मुद्दों पर लोकसभा में अपनी बात रखते हैं, और टीएमसी के गुंडों द्वारा उन पर किया गया हमला निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देश के लोगों को पश्चिम बंगाल में बसाकर वहां की जनसंख्या संरचना को बदल दिया गया है। उन्होंने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि यह घटना गुजरात में होती, तो वे तुरंत वहां आते, लेकिन ममता बनर्जी के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल सकते हैं। वे ममता बनर्जी से डरते हैं।