क्या खेसारी ने पवन सिंह, मनोज तिवारी और निरहुआ को दी चुनौती कि चुनाव नहीं लड़ूंगा?
सारांश
Key Takeaways
- खेसारी लाल ने भाजपा नेताओं को चुनौती दी है।
- वे गरीब परिवार से आते हैं और शिक्षा की कमी का जिक्र किया।
- धर्म के नाम पर वोट मांगने की आलोचना की।
- सभी धर्मों का सम्मान करने की बात कही।
- राजनीति में असली मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है।
पटना, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में भोजपुरी सितारों और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच तकरार तेज हो गई है। खेसारी लाल यादव ने एक साथ भाजपा के चार प्रमुख प्रचारकों मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ और पवन सिंह को निशाने पर लेते हुए खुला चैलेंज दिया है।
पवन सिंह और निरहुआ के ठगे जाने वाले बयान का जवाब देते हुए खेसारी ने कहा कि मैं एक गरीब परिवार से हूं, मेरी औकात नहीं थी कि ग्रेजुएशन कर सकूं, जबकि वे लोग अमीर हैं और पीएचडी तक कर सकते हैं। खेसारी ने कहा कि ये एनडीए के सभी नेता चार दिन में पागल घोषित हो जाएंगे। उन्होंने अपनी संस्कारी पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि मैं उनकी तरह नहीं बोल सकता।
निरहुआ के बयान पर पलटवार करते हुए खेसारी ने कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने बिहार के लोगों को ठगा है। वे धर्म की बात कर रहे हैं, जबकि मैं रोजी-रोटी के मुद्दे पर हूं। खेसारी ने कहा कि मैं कभी राम विरोधी नहीं रहा, मैंने राम पर गाने गाए और फिल्में बनाई हैं, लेकिन धर्म के नाम पर वोट मांगना और असल मुद्दों से भटकाना गलत है।
निरहुआ, पवन सिंह, रवि किशन, और मनोज तिवारी को चुनौती देते हुए खेसारी ने कहा कि अगर मेरे प्रचारक भाई यह कह दें कि कल यहां फैक्ट्री का शिलान्यास होगा, तो मैं आजीवन चुनाव नहीं लडूंगा। क्या मेरे सर्टिफिकेट लेने से बेरोजगारी कम होगी? मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, और मुसलमान भी इसी देश के नागरिक हैं।
तेजप्रताप यादव के नौकरी देने और नाचने के बयान पर खेसारी ने कहा कि वे बड़े भाई हैं, और उनके साथ ऐसा बयान देना मेरे लिए आवश्यक नहीं है।