क्या किम जोंग-उन, पुतिन और शी जिनपिंग ने मिलकर एक ऐतिहासिक सैन्य परेड में हिस्सा लिया?

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क्या किम जोंग-उन, पुतिन और शी जिनपिंग ने मिलकर एक ऐतिहासिक सैन्य परेड में हिस्सा लिया?

सारांश

बीजिंग में किम जोंग-उन, पुतिन और शी जिनपिंग का एक साथ आना सिर्फ एक सैन्य परेड नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक संदेश भी है। यह त्रिपक्षीय एकजुटता अमेरिका के खिलाफ उनके सहयोग को दर्शाती है। जानिए इस ऐतिहासिक क्षण के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • किम जोंग-उन, पुतिन और शी जिनपिंग का एक साथ आना एक ऐतिहासिक घटना है।
  • यह अमेरिका के खिलाफ एक ठोस स्ट्रेटेजिक अलायंस का संकेत है।
  • परेड ने चीन की द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ को मनाने का अवसर प्रदान किया।
  • यह घटना वैश्विक राजनीति में नए समीकरणों का संकेत देती है।

बीजिंग, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन, रूस के व्लादिमीर पुतिन और चीन के शी जिनपिंग ने बुधवार को बीजिंग में एक सैन्य परेड के दौरान एक साथ खड़े होकर एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बने। यह 66 वर्षों में पहली बार था जब इन तीनों देशों के नेता एक साथ आए।

किम का तियानमेन स्क्वायर की दर्शक दीर्घा में पुतिन और शी के साथ खड़ा होना पश्चिमी देशों के खिलाफ उनकी त्रिपक्षीय एकजुटता का एक स्पष्ट संकेत है।

काले सूट और सुनहरे रंग की टाई पहने किम ने समारोह से पहले तियानमेन स्क्वायर के मुख्य द्वार में कदम रखा, जहां शी ने अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ उनका स्वागत किया, जिसमें पुतिन भी शामिल थे। इस मौके पर तीनों नेताओं के बीच अच्छा तालमेल और वार्तालाप देखा गया।

चीन, रूस और उत्तर कोरिया के बीच एकजुटता प्रदर्शित करते हुए तीनों नेता मंच पर एक साथ आए और आपस में दोस्ताना बातचीत की। तियानमेन चौक पर भव्य समारोह के साथ परेड शुरू होने तक तीनों नेता एक-दूसरे के बगल में खड़े रहे। इस परेड के माध्यम से चीन ने जापान पर अपनी जीत और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ मनाई।

यह घटना 66 वर्षों में पहली बार घटी है जब इन तीन देशों के नेता एक साथ आए हैं। इससे पहले 1959 में उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग, चीन के संस्थापक माओत्से तुंग और सोवियत संघ के पूर्व प्रधानमंत्री निकिता ख्रुश्चेव ने इसी चौक पर एक समान सैन्य परेड में भाग लिया था।

यह किम, शी और पुतिन की पहली मुलाकात भी है। तीनों नेताओं को संयुक्त राज्य अमेरिका के विरोधी के रूप में जाना जाता है। उनका एक साथ आना अमेरिका के नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था के खिलाफ उनकी आपसी एकजुटता का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

परेड में दिए गए एक भाषण में, शी जिनपिंग ने कहा कि उन्होंने चीनी जनता के 'पुनरुद्धार' की सराहना की और बताया कि मानवता एक बार फिर युद्ध या शांति के बीच एक विकल्प के दौर से गुजर रही है।

यह किम जोंग-उन के लिए भी एक ऐतिहासिक क्षण है। चीनी सैन्य परेड में उनका भाग लेना चीन के साथ पारंपरिक रूप से घनिष्ठ संबंधों को बहाल करने और अपनी लंबे समय से चली आ रही अलग-थलग छवि को खत्म करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

कुछ लोगों का यह भी अनुमान है कि किम अमेरिका के साथ संभावित वार्ता बहाली से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (एनआईएस) का आकलन है कि किम शी और पुतिन के साथ अलग-अलग शिखर सम्मेलन कर सकते हैं, हालांकि त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन की संभावना कम है।

Point of View

पुतिन और शी जिनपिंग का एक साथ आना, अमेरिका की शक्ति को चुनौती देने का एक प्रयास हो सकता है। हमें इस परिदृश्य को ध्यान से देखने की जरूरत है, क्योंकि यह भविष्य में वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

किम जोंग-उन, पुतिन और शी जिनपिंग का एक साथ आना क्यों महत्वपूर्ण है?
यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो दर्शाता है कि इन तीनों देशों के नेता एकजुट होकर अमेरिका के खिलाफ एक रणनीतिक मोर्चा बना रहे हैं।
क्या इस परेड का अमेरिका पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
यह परेड अमेरिका के नेतृत्व वाली वैश्विक व्यवस्था के खिलाफ एक स्पष्ट संकेत है और इससे अमेरिका को चुनौती मिल सकती है।
क्या किम जोंग-उन अमेरिका के साथ वार्ता की संभावना को बढ़ा रहे हैं?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि किम अमेरिका के साथ संभावित वार्ता से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए चीन के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।