क्या किश्तवाड़ त्रासदी ने लोगों को डरा दिया? तबाही का वो मंजर कभी नहीं भूल पाएंगे

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क्या किश्तवाड़ त्रासदी ने लोगों को डरा दिया? तबाही का वो मंजर कभी नहीं भूल पाएंगे

सारांश

किश्तवाड़ की त्रासदी ने लोगों को दहशत में डाल दिया है। इस घटना में 30 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। जानें, कैसे यह हादसा हुआ और लोग किस तरह इसे याद करेंगे।

Key Takeaways

  • किश्तवाड़ की त्रासदी ने 30 से ज्यादा लोगों की जान ली।
  • बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
  • लोगों में दहशत का माहौल है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति पर नजर रखी है।
  • मचैल माता मंदिर यात्रा स्थगित कर दी गई है।

किश्तवाड़, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर भारी तबाही मच गई। इस आपदा में 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। बचाव और राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। इस घटना ने लोगों में दहशत का माहौल बना दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इस घटना को कभी नहीं भूल पाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस घटना पर ध्यान दिया और उन्होंने सीएम उमर अब्दुल्ला से फोन पर बातचीत की।

इस घटना के बारे में मध्यप्रदेश के उज्जैन से आए एक शख्स ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि हल्की-हल्की बारिश हो रही थी, लेकिन हमें इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी आपदा आ जाएगी। हम किसी तरह अपनी जान बचाकर निकले। उन्होंने कहा कि यह घटना जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।

उन्होंने बताया कि वे पहले भी कई बार यहां आ चुके हैं और मचैल माता मंदिर के दर्शन करते हैं, लेकिन इस बार का अनुभव बेहद खौफनाक रहा। हरियाणा से आए चमनलाल, जो किश्तवाड़ के चशोती गांव में मचैल माता मंदिर यात्रा के दौरान आइसक्रीम बेचने आए थे, ने बादल फटने की घटना का भयावह अनुभव साझा किया।

चमनलाल ने कहा, "अचानक एक तेज आवाज आई, जैसे कोई विस्फोट हो रहा हो, और लोग चिल्लाने लगे। हर तरफ अफरा-तफरी मच गई, लोग इधर-उधर भागने लगे। भगवान की मेहरबानी से मैं और कुछ लोग बच गए, लेकिन कई लोग मलबे में दब गए।"

उन्होंने आगे बताया कि बचाव दल ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और मलबे में दबे कुछ लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। इस आपदा में लोगों की जान गई, लेकिन मृतकों की संख्या के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

बता दें कि किश्तवाड़ के चशोती इलाके में गुरुवार को बादल फटने के बाद अचानक बाढ़ आई। यह घटना उस जगह हुई, जहां श्री मचैल मंदिर यात्रा के लिए लोग जुटते हैं। यहां पर कई चार पहिया वाहन खड़े रहते हैं और कई अस्थायी दुकानें भी थीं। एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है। स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियां बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना कब हुई?
यह घटना 15 अगस्त को हुई थी।
इस त्रासदी में कितने लोग मारे गए?
इस घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
क्या सरकार ने राहत कार्य शुरू किया?
हाँ, स्थानीय प्रशासन और विभिन्न एजेंसियां राहत कार्य में जुटी हुई हैं।
क्या यात्रा फिर से शुरू होगी?
एडीसी किश्तवाड़ के अनुसार, श्री मचैल यात्रा अगली सूचना तक स्थगित कर दी गई है।
क्या लोग इस घटना को भूल पाएंगे?
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसे कभी नहीं भूल पाएंगे।