क्या केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लिया?

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क्या केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लिया?

सारांश

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने अधिकारियों से खरीफ फसलों की बुवाई, जलाशयों के स्तर और उर्वरकों की उपलब्धता पर जानकारी प्राप्त की। इस बैठक में कृषि क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के संकेत मिले।

Key Takeaways

  • कृषि क्षेत्र की प्रगति का सकारात्मक संकेत।
  • खरीफ फसलों की बुवाई में वृद्धि।
  • जलाशयों का भंडारण स्तर बेहतर है।
  • उर्वरकों की उपलब्धता की स्थिति संतोषजनक है।
  • सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का भंडार अधिक है।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि कृषि क्षेत्र का भविष्य उज्ज्वल है क्योंकि अच्छे मानसून के कारण खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा बढ़ा है।

अधिकारियों ने बताया कि देश भर में जलाशयों का स्तर भी बढ़ा है, जिससे आगे सिंचाई सुविधाओं और फसलों की पैदावार में बेहतरी आएगी। इसके अलावा, सरकारी गोदामों में चावल और गेहूं का भंडार बफर स्टॉक की आवश्यकता से अधिक है और इससे कीमतों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।

बैठक में खरीफ फसलों की स्थिति, रबी की बुवाई की तैयारी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसल की स्थिति, कीमतों के रुझान, उर्वरक की उपलब्धता और जलाशय भंडारण स्तर का व्यापक मूल्यांकन किया गया। केंद्रीय मंत्री ने बैठक के दौरान संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी जारी किए।

अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि खरीफ फसलों के कुल रकबे में पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। कुल बुवाई क्षेत्र 1,121.46 लाख हेक्टेयर है, जबकि 2024-25 में यह 1,114.95 लाख हेक्टेयर था। बैठक में बताया गया कि गेहूं, धान, मक्का, गन्ना और दालों जैसी प्रमुख फसलों की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि दर्ज की गई है। उड़द की खेती का रकबा 1.50 लाख हेक्टेयर बढ़कर 2024-25 में 22.87 लाख हेक्टेयर से 2025-26 में 24.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।

अधिकारियों ने आगे बताया कि टमाटर और प्याज की बुवाई सुचारू रूप से चल रही है। प्याज की खेती का रकबा 2024-25 में 3.62 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 3.91 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि आलू की खेती 0.35 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 0.43 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसी प्रकार, टमाटर की बुवाई पिछले वर्ष इसी अवधि के 1.86 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 2.37 लाख हेक्टेयर हो गई है। बैठक में बताया गया कि आलू, प्याज और टमाटर की बुवाई निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप अच्छी प्रगति पर है।

अधिकारियों ने मंत्री को यह भी बताया कि चावल और गेहूं का वर्तमान भंडार निर्धारित बफर मानदंडों से अधिक है, जो स्थिर आपूर्ति स्थिति का संकेत देता है।

जल उपलब्धता के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि देश भर में जलाशयों का भंडारण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि और पिछले दशक के औसत की तुलना में काफी बेहतर है। अभी तक, 161 प्रमुख जलाशयों में पिछले वर्ष के भंडारण का 103.51 प्रतिशत और दस वर्षों के औसत भंडारण का 115 प्रतिशत जल है, जो कृषि उत्पादकता के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

केंद्रीय मंत्री ने उर्वरकों की उपलब्धता की भी समीक्षा की और अधिकारियों को आगामी महीनों में सुचारू और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी व्यवधान को रोकने के लिए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के साथ घनिष्ठ समन्वय बनाए रखा जाए।

अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि आगामी कृषि सत्र के लिए उर्वरक आवश्यकताओं का आकलन और पूर्ति हेतु राज्यों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा जा रहा है।

Point of View

NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

कृषि मंत्री की बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
कृषि मंत्री की बैठक का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र की प्रगति का जायजा लेना और आवश्यक निर्देश जारी करना था।
खरीफ फसलों की बुवाई में क्या वृद्धि हुई है?
खरीफ फसलों की बुवाई में पिछले वर्ष की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
जलाशयों का भंडारण स्तर कैसे है?
जलाशयों का भंडारण स्तर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में काफी बेहतर है।
उर्वरकों की उपलब्धता की स्थिति क्या है?
उर्वरकों की उपलब्धता की स्थिति संतोषजनक है और आगामी महीनों में सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
क्या मंत्री ने अधिकारियों को कोई निर्देश दिए?
हाँ, मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं ताकि कृषि उत्पादन में कोई बाधा न आए।