क्या गोरखपुर के कृष्ण पांडेय ‘आजाद’ को मिला ‘प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2025’?
सारांश
Key Takeaways
- कृष्ण पांडेय का कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण है।
- उन्हें प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
- यह पुरस्कार सामाजिक कार्य के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
- पांडेय ने नशा उन्मूलन और जेल सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- यह पुरस्कार युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
लखनऊ, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाज में सकारात्मक बदलाव की एक उत्कृष्ट मिसाल प्रस्तुत करने वाले गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण पांडेय ‘आजाद’ को ‘प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार-2025’ के लिए नामित किया गया है। उन्हें यह सम्मान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 71वें राष्ट्रीय अधिवेशन में 28-30 नवंबर को देहरादून में प्रदान किया जाएगा।
चयन समिति ने बाल भिक्षावृत्ति रोकने, बेसहारा मनोरोगियों के पुनर्वास, कारागारों में बंदियों के मनोविकास और नशा उन्मूलन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उनके अद्वितीय योगदान को ध्यान में रखते हुए इनका चयन किया है। गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता और ‘स्माइल रोटी बैंक फाउंडेशन’ के अध्यक्ष कृष्ण पांडेय ‘आजाद’ को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
यह पुरस्कार शिक्षा, समाज, विज्ञान, पर्यावरण और जनकल्याण के क्षेत्रों में सक्रिय युवाओं को दिया जाता है। चयन समिति ने बताया कि पांडेय कई वर्षों से बाल भिक्षावृत्ति रोकने, बेसहारा मनोरोगियों के पुनर्वास, नशा उन्मूलन, पर्यावरण संरक्षण और जेल सुधार जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में दो हजार से अधिक मानसिक रूप से बीमार, असहाय लोगों को चिकित्सा, देखभाल और पुनर्वास सहायता प्रदान कर नई जिंदगी दी है।
कृष्ण पांडेय ने जेलों में निरुद्ध बंदियों के लिए परामर्श, रचनात्मक गतिविधियों और मनोसामाजिक सहयोग के जरिए उनकी मानसिकता बदलने और समाज की मुख्यधारा में लौटाने का कार्य किया है। उनके प्रयासों से कई बंदियों में आपराधिक प्रवृत्तियों में कमी आई है और पुनर्वास के प्रति उनकी रुचि बढ़ी है। इसके साथ ही, उन्होंने बाल भिक्षावृत्ति और बाल-श्रम रोकने के लिए कई प्रभावी जागरूकता अभियानों का संचालन किया है।
उन्होंने भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को चिन्हित कर उनके लिए दो पुनर्वास केंद्र भी स्थापित किए, जहां बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया गया। पांडेय ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए युवाओं को जोड़कर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए और समाज में सकारात्मक बदलाव की कई पहलों का नेतृत्व किया। ‘प्राध्यापक यशवंतराव केलकर युवा पुरस्कार’ 1991 से दिया जा रहा है।
यह पुरस्कार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और विद्यार्थी निधि न्यास की संयुक्त पहल है। प्राध्यापक यशवंतराव केलकर को अभाविप का शिल्पकार माना जाता है, और संगठन के विस्तार में उनके योगदान की स्मृति में यह सम्मान दिया जाता है। पुरस्कार में ₹1,00,000 की राशि, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह शामिल हैं।
अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेन्द्र सिंह सोलंकी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान और चयन समिति के संयोजक प्राध्यापक मिलिंद मराठे ने कृष्ण पांडेय को बधाई दी और उनके भविष्य के सामाजिक प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।