क्या 2026 में बंगाल को समृद्धि और शांति लाने वाली सरकार मिलेगी? मां दुर्गा से अमित शाह की प्रार्थना

सारांश
Key Takeaways
- अमित शाह ने मां दुर्गा से प्रार्थना की कि पश्चिम बंगाल में नई सरकार बने।
- दुर्गा पूजा का थीम 'ऑपरेशन सिंदूर' है।
- शाह ने राज्य में शांति और समृद्धि की उम्मीद जताई।
कोलकाता, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अगले साल पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में नई सरकार के गठन के लिए देवी दुर्गा से प्रार्थना की।
गृह मंत्री शाह शुक्रवार सुबह कालीघाट मंदिर गए और मां काली की पूजा की।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कोलकाता के मध्य में संतोष मित्रा स्क्वायर के सामुदायिक दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के अवसर पर कहा, "मैंने मां दुर्गा से प्रार्थना की कि अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल की जनता को ऐसी सरकार मिले जो राज्य को समृद्धि की ओर ले जाए। पश्चिम बंगाल में शांति वापस आए। हम गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सपनों के अनुसार बंगाल का निर्माण करें।"
इस साल संतोष मित्रा स्क्वायर में पूजा का थीम 'ऑपरेशन सिंदूर' है, जो मई में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के शौर्य को दर्शाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगले साल चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल एक बार फिर सुरक्षित, समृद्ध और शांतिपूर्ण राज्य के रूप में उभरेगा।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में बिजली की चपेट में आने से मारे गए 10 लोगों के परिवारों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की, जिनमें कोलकाता के 8 लोग शामिल हैं। शाह ने कहा कि दुर्गा पूजा से पहले पश्चिम बंगाल में भारी बारिश हुई थी। कुल दस लोगों की मौत हो गई। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का त्योहार, जो अब दुनिया भर में प्रसिद्ध है, राज्य को समृद्धि की ओर ले जाए। हमारे नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘समृद्ध बंगाल’ के माध्यम से ‘विकसित भारत’ का सपना देखते हैं। उनका यह सपना पूरा हो।
गृह मंत्री शाह ने शिक्षाविद्, समाज सुधारक और परोपकारी ईश्वर चंद्र विद्यासागर की जयंती पर उन्हें याद किया। उन्होंने कहा कि उनका शिक्षा के क्षेत्र में योगदान कभी नहीं भुलाया जाएगा। उन्होंने अपना पूरा जीवन बंगाली भाषा, बंगाल की परंपराओं और महिलाओं की शिक्षा के लिए समर्पित किया।