क्या बी. सरोजा देवी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ होगा? कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्दारमैया

सारांश
Key Takeaways
- राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा।
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने इसकी पुष्टि की है।
- बी. सरोजा देवी ने 200+ फिल्मों में अभिनय किया।
- उनका योगदान कन्नड़ सिनेमा में अद्वितीय था।
- उनका अंतिम संस्कार वोक्कालिगा समुदाय की परंपराओं के अनुसार होगा।
बेंगलुरु, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने यह घोषणा की है कि दिवंगत भारतीय अभिनेत्री बी. सरोजा देवी के अंतिम संस्कार में उन्हें राजकीय सम्मान
मंगलवार को बेंगलुरु में अभिनेत्री को श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को अंतिम संस्कार की आवश्यक तैयारियों के लिए निर्देश दिए गए हैं, ताकि यह समारोह पूरे राजकीय सम्मान के साथ संपन्न हो सके।
बी. सरोजा देवी से जुड़ी अपनी यादें साझा करते हुए सीएम ने कहा कि वह उनसे कई बार मिले हैं। उन्होंने कहा, "मैं सरोजा देवी से कई बार मिला हूं। वह सभी से बहुत प्यार और अपनेपन से बात करती थीं। वह एक प्रभावशाली शख्सियत थीं। मैंने उनकी कई फिल्में देखी हैं।" उन्होंने आगे कहा कि कन्नड़ फिल्मों के मशहूर अभिनेता डॉ. राजकुमार के साथ 'मल्लम्मना पावड़ा', 'कित्तूर रानी चन्नम्मा', 'भाग्यवंतरु', 'बभ्रुवाहन', 'न्यायवे देवरू' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया था।
सीएम ने कहा, "वह एक महान अभिनेत्री थीं, जिन्होंने न केवल कन्नड़ सिनेमा में, बल्कि तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में भी ख्याति अर्जित की। उन्होंने दिलीप कुमार, राजेंद्र कुमार, एमजीआर, एनटीआर, नागेश्वर राव और शिवाजी गणेशन जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ अभिनय किया।"
उन्होंने आगे कहा, "सरोजा देवी ने हर किरदार को दिल से निभाया और अपनी निजी जिंदगी में भी अनुशासन रखा। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री में उनका योगदान अतुलनीय था। उनके जाने से फिल्म जगत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को इस दुख को सहने की ताकत दे।"
बी. सरोजा देवी के बेटे गौतम ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव दशवारा में किया जाएगा, जो चन्नपट्टना शहर के पास है। उनका पार्थिव शरीर एक खुले वाहन में ले जाया जाएगा, ताकि रामनगर और चन्नपट्टना के लोग उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।
उन्होंने बताया कि सरोजा देवी का अंतिम संस्कार वोक्कालिगा समुदाय की परंपराओं के अनुसार किया जाएगा।
बी. सरोजा देवी ने अपने करियर में कन्नड़, तमिल, हिंदी और तेलुगु भाषाओं में 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्हें 'अभिनय सरस्वती' के नाम से भी जाना जाता था। भारत सरकार ने उन्हें 1967 में पद्म श्री और 1992 में पद्म भूषण से सम्मानित किया।