क्या बैलेट पेपर से चुनाव होने पर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनना तय है: रविदास मेहरोत्रा?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली बम धमाका: सुरक्षा में चूक पर गंभीर चिंता।
- बिहार चुनाव: बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग।
- महागठबंधन: सत्ता में वापसी की संभावना।
- लालू यादव का परिवार: विवादों का समाधान बातचीत से।
- शेख हसीना का मामला: न्याय का महत्व।
लखनऊ, १७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी में समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने सोमवार को दिल्ली में हुए बम धमाके, लालू यादव परिवार में चल रहे विवाद, और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मिली फांसी की सजा पर राष्ट्र प्रेस से चर्चा की।
सपा विधायक ने दिल्ली कार धमाके के बारे में कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है। पिछले दो वर्षों में किसान आंदोलन के दौरान साढ़े सात सौ लोगों की मौत हुई, फिर भी किसान लाल किला तक कैसे पहुंचे? इसके अलावा, आतंकवादियों ने कार में विस्फोटक सामग्री रखकर लाल किला तक पहुंचने में कैसे सफलता पाई? हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर इतनी मात्रा में विस्फोटक सामग्री कैसे आई? यह सुरक्षा में भारी चूक है, और इसमें जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एसआईआर लागू करने से 66 लाख लोगों के नाम काट दिए गए। भाजपा ने पहले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के साथ मिलकर वोट चोरी की थी, लेकिन बिहार में वोटों की डकैती हुई है। अगर बिहार में बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो महागठबंधन की सरकार बनेगी।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की बैठक में तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। चाहे संख्या कम हो या अधिक, लेकिन इंडिया गठबंधन के सदस्य जनता के मुद्दों और जनसमस्याओं के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
लालू प्रसाद यादव के पारिवारिक विवाद पर उन्होंने कहा कि सरकार विपक्षी नेताओं के परिवारों में विवाद उत्पन्न करने का प्रयास करती है। हमें विश्वास है कि लालू यादव का परिवार आपसी बातचीत से अपने विवादों का समाधान करेगा। इंडिया गठबंधन चाहता है कि उसके दलों में किसी प्रकार का विवाद न हो।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मिली फांसी की सजा पर उन्होंने कहा कि यह अदालत का निर्णय है, लेकिन किसी भी प्रधानमंत्री को सजा देने से पहले उनकी बात सुनने का अवसर दिया जाना चाहिए। बिना उनके पक्ष को जाने सजा देना न्यायसंगत नहीं है।