क्या दलितों-आदिवासियों की योजनाएं रोककर 'लाडली बहना' योजना में पैसा डालना अन्याय है? : विजय वडेट्टीवार

सारांश
Key Takeaways
- दलितों और आदिवासियों की योजनाओं का महत्व समझना चाहिए।
- सरकार को सभी वर्गों के लिए समान योजनाएं बनानी चाहिए।
- लाडली बहना योजना में धन डालना अन्याय है।
- आर्थिक असंतुलन का खामियाजा समाज को भुगतना पड़ता है।
- सभी वर्गों के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की आवश्यकता है।
मुंबई, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर खड़े वर्गों की अनदेखी कर रही है और उनके लिए निर्धारित योजनाओं का धन अन्य योजनाओं में स्थानांतरित कर रही है।
वडेट्टीवार ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा, "यह स्पष्ट है कि इस सरकार की मंशा ही संदिग्ध है। उन्हें शायद यह भी समझ में नहीं आ रहा कि उन्हें सत्ता तक पहुँचाने में 'लाडली बहनों' की भूमिका रही है। इसका यह मतलब नहीं कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के लिए बनी योजनाओं की बलि दी जाए। अगर सरकार को संसाधनों की जरूरत है तो उसे उन लोगों से लेना चाहिए जिनके पास पहले से बहुत कुछ है। लेकिन, यह सरकार उन लोगों का खून चूस रही है जो पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं।
वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने 112 योजना को पहले बंद किया और अब इसे स्थायी रूप से समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। यह योजना आपातकालीन सेवाओं से जुड़ी हुई थी और इसका बंद होना गरीब और जरूरतमंद नागरिकों को सीधा नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार जनहित की योजनाएं बनाना ही नहीं चाहती। यह पूरी तरह से जनविरोधी मानसिकता है। सरकार का रवैया उन वर्गों के प्रति बेरुखा है जिन्हें सबसे अधिक सरकारी समर्थन की आवश्यकता है।
वडेट्टीवार ने आगे कहा कि जिनके पास पहले से बहुत कम है, सरकार उन्हीं का हक छीन रही है। अनुसूचित जातियों और जनजातियों की योजनाएं रोककर लाडली बहना योजना में पैसा डालना न केवल आर्थिक अन्याय है, बल्कि सामाजिक असंतुलन भी पैदा करता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार की नीतियां खास वर्ग के हित में काम कर रही हैं, जबकि गरीबों और वंचितों के लिए कोई दीर्घकालिक योजना नहीं बनाई जा रही है।