क्या गाजा में सीजफायर के लिए ट्रंप का प्लान वास्तव में सफल होगा? पुतिन के विशेष दूत ने किया खुलासा

सारांश
Key Takeaways
- गाजा में संघर्ष समाप्त करने के लिए स्टीवन विटकॉफ की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए सहमति दी है।
- पुतिन के दूत ने योजना की पुष्टि की है।
- संवाद और सहयोग से ही शांति संभव है।
- गाजा की स्थिति पर सभी देशों का ध्यान है।
मास्को, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निवेश और आर्थिक सहयोग के विशेष दूत किरिल दिमित्रिव ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीवन विटकॉफ गाजा में संघर्ष समाप्त करने की डोनाल्ड ट्रंप की योजना के पीछे एक महत्वपूर्ण प्रेरक शक्ति थे।
किरिल दिमित्रिएव ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "राष्ट्रपति ट्रंप के दूत स्टीव विटकॉफ गाजा शांति योजना के पीछे मुख्य प्रेरक शक्ति थे, जिसे मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए तैयार किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स के नेतृत्व में लीगेसी मीडिया ने विटकॉफ के प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश की और इस तरह शांति को भी कमजोर करने की कोशिश की।"
इस बीच, हमास ने बंधकों की रिहाई के लिए सहमति जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा से सभी बंधकों को रिहा करने के हमास के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "यह एक बहुत खास दिन है। कई मायनों में, यह अभूतपूर्व है।"
ट्रंप ने कहा, "हमें अंतिम निर्णय ठोस रूप में लेना होगा।" ट्रुथ सोशल पर एक अलग पोस्ट में, उन्होंने कहा कि इजरायल को "गाजा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए, ताकि हम बंधकों को सुरक्षित और जल्दी से बाहर निकाल सकें।" उन्होंने यह भी कहा कि उनका मानना है कि हमास "स्थायी शांति के लिए तैयार है।"
ट्रंप का यह बयान हमास द्वारा गाजा में बंधक बनाए गए सभी इजरायली बंधकों को रिहा करने की योजना की घोषणा के बाद आया है।
सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर एक बयान में, हमास ने कहा, "हमास इस समझौते के विवरण पर चर्चा करने के लिए मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।"
इसके अलावा, हमास ने गाजा प्रशासन को "फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सहमति और अरब व इस्लामी समर्थन पर आधारित स्वतंत्र तकनीकी विशेषज्ञों के एक निकाय" को सौंपने पर भी सहमति जताई है।
सभी देशों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं! अगर इस अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हुए, तो हमास के खिलाफ पहले कभी न देखी गई तबाही मच जाएगी।
-- राष्ट्र प्रेस
कनक/जीकेटी