क्या जीएसटी बूस्टर के बावजूद शेयर बाजार ने इस सप्ताह दिखाया मजबूती?

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क्या जीएसटी बूस्टर के बावजूद शेयर बाजार ने इस सप्ताह दिखाया मजबूती?

सारांश

इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार ने जीएसटी के सुधारों के बीच मजबूती दिखाई है। क्या यह स्थायी है या केवल अस्थायी? जानें इस लेख में.

Key Takeaways

  • घरेलू शेयर बाजार ने जीएसटी सुधारों के बीच मजबूती दिखाई है।
  • सॉवरेन रेटिंग में सुधार ने विश्वास बढ़ाया है।
  • बाजार रूसी तेल आयात से जुड़े टैरिफ की प्रतीक्षा कर रहा है।
  • आरबीआई ने 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य की पुष्टि की।
  • अनुकूल मानसून और कम ब्याज दरों से कंजम्पशन सेक्टर को लाभ होने की उम्मीद है।

मुंबई, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विश्लेषकों ने शनिवार को कहा कि घरेलू शेयर बाजार ने सप्ताह की शुरुआत मजबूती से की, जो जीएसटी को रेशनलाइज करने को लेकर आशावाद से प्रेरित था। उन्होंने आगे कहा कि इस सप्ताह भारत की दोहरी रणनीति पर जोर दिया गया, जिसमें बाहरी चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ घरेलू विकास को गति देने वाले कारकों को मजबूत करना शामिल रहा।

इसके अलावा, एसएंडपी द्वारा सॉवरेन रेटिंग में सुधार ने निवेशकों के बीच विश्वास को मजबूत किया।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "हालांकि, सप्ताह के अंत में तेजी धीमी पड़ गई क्योंकि निवेशक मुनाफावसूली और बाहरी चुनौतियों के कारण सतर्क हो गए। 10 ईयर भारतीय सरकारी बॉन्ड यील्ड में तेज़ी ने भी जीएसटी सुधारों के मद्देनजर राजकोषीय स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।"

विश्लेषकों के अनुसार, बाजार इस बात पर स्पष्टता का इंतजार कर रहा है कि रूसी तेल के आयात से जुड़े भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ अगले सप्ताह लागू होंगे या नहीं।

अमेरिका में, फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष द्वारा जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया कि ब्याज दरों में जल्द ही कटौती हो सकती है। डॉव जोन्स इंडेक्स ने 900 से ज्यादा अंकों की बढ़त के साथ एक नया इंट्रा-डे रिकॉर्ड बनाया।

पीएल कैपिटल के अर्थशास्त्री अर्श मोगरे के अनुसार, भारतीय नीति निर्माताओं ने 20 अरब डॉलर के जीएसटी-संचालित उपभोग प्रोत्साहन को आगे बढ़ाया। साथ ही अनुपालन को आसान बनाने और घरेलू मांग को बढ़ाने के लिए एक आधुनिक आयकर अधिनियम लागू किया। इन कदमों से सकल घरेलू उत्पाद में 0.6 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

आरबीआई ने अपने 4 प्रतिशत मुद्रास्फीति लक्ष्य की पुष्टि की, जो अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद मौद्रिक नीति में निरंतरता का संकेत देता है।

मोगरे ने कहा, "वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 6.5-6.7 प्रतिशत की अनुमानित वृद्धि के साथ, गति ठोस बनी हुई है, हालांकि निकट भविष्य के जोखिम अमेरिकी मौद्रिक संकेतों और ट्रेड फ्रिक्शन पर निर्भर हैं। कुल मिलाकर, भारत का वृहद रुख सक्रिय राजकोषीय समर्थन, नीतिगत विश्वसनीयता और वैश्विक अनिश्चितता के प्रति मजबूती से परिभाषित होता है।"

शुक्रवार को, सेंसेक्स 693.86 अंक या 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,306.85 पर बंद हुआ। निफ्टी 213.65 अंक या 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,870.10 पर बंद हुआ।

विश्लेषकों के अनुसार, अनुकूल मानसून, कम ब्याज दरों और अप्रत्यक्ष कर राहत से कंजम्पशन सेक्टर को लाभ होने की संभावना है।

Point of View

हमें यह समझना होगा कि घरेलू शेयर बाजार की मजबूती वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद हमारे लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह संकेत देता है कि हमारे नीति निर्माताओं की रणनीतियाँ प्रभावी हो रही हैं।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या जीएसटी सुधारों का शेयर बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है?
हाँ, जीएसटी सुधारों ने निवेशकों का विश्वास बढ़ाया है और बाजार में मजबूती लाने में मदद की है।
क्या भारतीय शेयर बाजार वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रभावित है?
हाँ, लेकिन इस सप्ताह बाजार ने मजबूती दिखाई है, जो आशा का संकेत है।