क्या 'केसरी चैप्टर-2' में बंगाली नायकों का नाम बदलना उचित है? : कुणाल घोष

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क्या 'केसरी चैप्टर-2' में बंगाली नायकों का नाम बदलना उचित है? : कुणाल घोष

सारांश

क्या फिल्म 'केसरी चैप्टर-2' में बंगाली नायकों के नाम बदलना सही है? कुणाल घोष ने इस मुद्दे पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। जानें उनके तर्क और भाजपा की प्रतिक्रिया।

Key Takeaways

  • फिल्म में नाम बदलने पर कानूनी कदम उठाए जा सकते हैं।
  • बंगाली पहचान का सम्मान जरूरी है।
  • राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ इस मुद्दे को और जटिल बना रही हैं।

कोलकाता, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। अक्षय कुमार की विवादास्पद फिल्म 'केसरी चैप्टर-2' के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने के बाद, तृणमूल कांग्रेस के नेता ने गुरुवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने फिल्म में बंगाली नायकों के नामों के परिवर्तन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का संकेत दिया।

कुणाल घोष ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह पहली बार नहीं है जब बंगाल को बदनाम करने की योजना बनाई गई है। केंद्र की भाजपा सरकार ने कई बार बंगाल और बंगालियों की पहचान को कमजोर करने के प्रयास किए हैं। इस बार तो हद हो गई। फिल्म में अक्षय कुमार, आर. माधवन, विक्की कौशल और अनन्या पांडे जैसे सितारों के साथ, बंगाली स्वतंत्रता सेनानियों के नामों को विकृत कर दिया गया है। मिदनापुर के सपूत शहीद खुदीराम बोस का नाम बदलकर खुदीराम सिंह कर दिया गया है। क्रांतिकारी बरिंद्र कुमार घोष का नाम बदलकर 'बरिन कुमार' कर दिया गया है। हेमचंद्र कानूनगो, जिन्होंने विद्रोह के लिए बम बनाना सिखाया, उनकी जगह कृपाल सिंह नाम का किरदार लाया गया है।"

तृणमूल नेता ने करण सिंह त्यागी की फिल्म 'केसरी चैप्टर-2' में नामों के परिवर्तन पर कानूनी कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा, "यह बंगाली भावना का प्रश्न है; खुदीराम बोस का हम सम्मान करते हैं, पर उन्हें खुदीराम सिंह बना दिया गया है। इसी तरह बरिंद्र घोष को बरिन कुमार बना दिया गया है। कुछ लोग कानूनी उपायों पर विचार कर रहे हैं, यह सामान्य बात है।"

भाजपा द्वारा शुक्रवार को मनाए जाने वाले बंगाली दिवस पर तृणमूल नेता ने कहा, "बीजेपी जिसे बांग्ला दिवस कहती है, वह पूरी तरह से निराधार है। जो हम बांग्ला दिवस कहते हैं, वह बंगाली कैलेंडर के पहले महीने का पहला दिन वैशाख है, वही बांग्ला दिवस है। ममता बनर्जी ने इस पर विश्लेषण किया है कि यह पूरी तरह से निराधार है।"

भाजपा नेता अमित मालवीय के हाल के पोस्ट पर उन्होंने कहा, "यदि आप हिंदू हैं तो पहले मंदिर आकर देखें, यदि नहीं आना है तो दिलीप घोष से पूछ लें। दिलीप घोष बीजेपी के नेता हैं और उन्होंने दीघा में जगन्नाथ मंदिर में मत्था टेका, आप तृणमूल के खिलाफ बोलकर जगन्नाथ देव का अपमान कर रहे हैं।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि फिल्में न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि वे सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। हमें अपने नायकों के प्रति सम्मान और संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए। इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या फिल्म 'केसरी चैप्टर-2' में नाम बदलने का कोई कानूनी आधार है?
फिल्म में नाम बदलने को लेकर कुणाल घोष ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है, यह मामला बंगाली पहचान से जुड़ा है।
बंगाली दिवस का सही अर्थ क्या है?
बंगाली दिवस, जिसे वैशाख के पहले दिन के रूप में मनाया जाता है, भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
क्या नाम बदलने से इतिहास पर असर पड़ेगा?
नाम बदलने से इतिहास की वास्तविकता पर सवाल उठते हैं और यह बंगाली संस्कृति का अपमान हो सकता है।