क्या महागठबंधन के लोग अब बिहार के लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार की जनता अब जागरूक है और राजनीतिक झांसे में नहीं आएगी।
- महागठबंधन के नेताओं पर सवाल उठाते हुए नाजिया ने विकास पर जोर दिया।
- तेजस्वी यादव को मुस्लिमों का नेता बताने पर नाजिया ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- नाजिया ने मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
- उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय की स्थिति में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नाजिया इलाही खान ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तेजस्वी यादव के सिर पर हाथ रख देतीं, तो मैं पूरी यकीन से कह सकती थी कि तेजस्वी यादव एक बार फिर चुनाव हारने वाले हैं।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार की जनता जागरूक है। वह प्रदेश की वर्तमान स्थिति के बारे में अच्छी तरह समझती है। लोग जानते हैं कि अगर कोई प्रदेश में विकास की गति को बढ़ा सकता है, तो वह सिर्फ एनडीए सरकार है। एनडीए ही एकमात्र ऐसा दल है, जो प्रदेश के लोगों के हितों को प्राथमिकता देता है और लोग इसे भलीभांति जानते हैं। महागठबंधन के नेता अब उन्हें बेवकूफ नहीं बना पाएंगे।
उन्होंने कहा कि हम चुनाव प्रचार में जा रहे हैं और लोग खुलकर यह कह रहे हैं कि वे महागठबंधन को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। अब हमें प्रदेश में विकास चाहिए और विकास के साथ किसी प्रकार का समझौता हमें मंजूर नहीं है।
भाजपा नेता ने तेजस्वी यादव द्वारा खुद को मुस्लिमों का नेता बताने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अब खुद को मुस्लिमों का नेता नहीं बताना चाहिए, क्योंकि महागठबंधन के शासनकाल में आज तक मुस्लिमों के हितों के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन के शासनकाल में मुस्लिमों के हितों के लिए कोई कदम उठाया गया होता, तो आज प्रदेश में मुस्लिमों की स्थिति ऐसी नहीं होती। आज मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक के बाद अपनी जीविका के लिए अन्य के घर में झाड़ू-पोंछा करने को मजबूर नहीं होतीं। महागठबंधन के नेता केवल मुस्लिम नेताओं का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करते हैं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई वास्तव में मुस्लिम समुदाय का हित चाहता है, तो सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को शिक्षा देनी चाहिए। उन्हें तालीम देने की आवश्यकता है, क्योंकि बिना शिक्षा के किसी भी समुदाय को सशक्त नहीं किया जा सकता। वास्तव में, कुरान की पहली आयत में 'इकरा' का उल्लेख है, जिसका अर्थ है शिक्षा, लेकिन अफसोस की बात यह है कि महागठबंधन के नेताओं ने सिर्फ मुस्लिम महिलाओं का उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया है।
नाजिया इलाही खान ने कहा कि मुस्लिम समुदाय की दुर्दशा को किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।