क्या मनीष सिसोदिया पर एसीबी का नया फंदा लगा?

सारांश
Key Takeaways
- मनीष सिसोदिया पर एसीबी की नई जांच शुरू हुई।
- उन्होंने कार्रवाई को फर्जी बताया है।
- बिजली के घोटाले की राशि 2,000 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
- सिसोदिया का कहना है कि यह सब भाजपा के डर का परिणाम है।
- वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे।
नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। एसीबी ने उन पर एक बार फिर से शिकंजा कसा है और उन्हें जांच के लिए बुलाया है।
एसीबी के समक्ष पेश होने से पहले मनीष सिसोदिया ने इसे पूर्ण रूप से “फर्जी” कार्रवाई बताया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ बार-बार फर्जी मामले दर्ज किए जा रहे हैं, जिससे उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है। सिसोदिया ने कहा, “एसीबी मुझसे उन मामलों के बारे में पूछताछ कर रही है जो पूरी तरह से तथ्यहीन और निराधार हैं। यह सब राजनीतिक द्वेष के तहत किया जा रहा है ताकि मेरी छवि को नुकसान पहुंचे।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा दिल्ली में आम आदमी पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित हैं, और इसलिए उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की जा रही है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा के समर्थन से जांच एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है और राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करेंगे और सत्य जनता के सामने आएगा।
बता दें कि भाजपा नेताओं ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया था। यह मामला लगभग 2,000 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़ा है, जो 12,748 क्लासरूम और इमारतों के निर्माण में सामने आया है। एसीबी की जांच में पता चला है कि क्लासरूम्स को सेमी-परमानेंट संरचना के रूप में बनाया गया था, जिसकी उम्र 30 साल होती है, जबकि इसकी लागत आरसीसी क्लासरूम्स के बराबर निकली है, जिसकी उम्र 75 साल होती है। इन सभी परियोजनाओं को जिन ठेकेदारों को सौंपा गया था, उनका संबंध आम आदमी पार्टी से बताया गया था। इसी मुद्दे पर एसीबी की जांच लगातार आगे बढ़ रही है।