क्या मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं देना चाहते? : उमंग सिंघार

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क्या मुख्यमंत्री ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं देना चाहते? : उमंग सिंघार

सारांश

उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि वह ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं देना चाहते। यह बयान उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि पर सवाल उठाता है। क्या यही है मध्य प्रदेश की राजनीति का असली सच?

Key Takeaways

  • उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा करना आवश्यक है।
  • सरकार को बच्चों के उपचार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए।

भोपाल, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नहीं चाहते हैं कि ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण मिले।

पत्रकारों से बातचीत में उमंग सिंघार ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री खुद ओबीसी समुदाय से आते हैं। इसके बावजूद भी वे ओबीसी समुदाय को आरक्षण देने में बाधा डाल रहे हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे लगता है कि शायद वह भूल रहे हैं कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें उनकी ओबीसी पृष्ठभूमि की वजह से ही मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन यह दुख की बात है कि वह खुद ओबीसी समुदाय को आरक्षण दिलाने में बाधा डाल रहे हैं।"

उमंग सिंघार ने सवाल उठाया कि 2019 में कमलनाथ सरकार के शासनकाल में जो कानून बना था, उसे रोकने के लिए आपकी तरफ से हलफनामा दाखिल क्यों नहीं किया गया। आखिर आप ऐसा क्यों कर रहे हैं? बार-बार इस विषय को लेकर किंतु-परंतु जैसी बातें की जा रही हैं, लेकिन कोई सार्थक बात नहीं की जा रही है। मैं समझता हूं कि ऐसा करके मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी समुदाय के लोगों के हितों पर कुठाराघात कर रही है।

कांग्रेस नेता उमंग सिंघार ने कहा कि हम मध्य प्रदेश सरकार को ओबीसी समुदाय से आने वाले युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत बिल्कुल नहीं देंगे। हम चाहेंगे कि प्रदेश सरकार इसे लेकर अपना रुख स्पष्ट करे, ताकि पूरी वस्तुस्थिति साफ हो सके। सरकार को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करना चाहिए।

इसके अलावा, उन्होंने कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है। राज्य में मौत का मामला लगातार बढ़ रहा है, लेकिन सरकार का रवैया पूरी तरह से उदासीन है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने मांग की है कि बच्चों के उपचार में आने वाले बिल का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाए, ताकि पैरेंट्स पर आर्थिक बोझ न पड़े। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक अधिकारी को इस मामले में अपना रुख साफ करना चाहिए। सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

उमंग सिंघार ने डिप्टी सीएम के दौरे को लेकर भी सवाल उठाया और कहा कि डिप्टी सीएम अस्पताल में उपचाराधीन बच्चों से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्होंने किसी के भी माता-पिता से मिलना जरूरी नहीं समझा। इससे यह साफ जाहिर होता है कि वे सिर्फ अपनी औपचारिकता निभाने की कोशिश कर रहे थे। इसके इतर उनका किसी दूसरी चीज से कोई लेना देना नहीं था। अस्पताल में भर्ती कई बच्चों के माता-पिता ने हमें बताया कि डिप्टी सीएम हमारे बीच आए थे, लेकिन उन्होंने हमसे बात करना जरूरी नहीं समझा।

Point of View

जिसमें ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना आवश्यक है। नेताओं को अपने समुदाय के हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

उमंग सिंघार ने किस विषय पर बयान दिया?
उमंग सिंघार ने ओबीसी समुदाय को 27 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया।
क्यों उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री की आलोचना की?
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद ओबीसी पृष्ठभूमि से हैं, फिर भी वह आरक्षण देने में बाधा डाल रहे हैं।
सरकार का क्या रवैया है बच्चों की मौत के मामले में?
उमंग सिंघार ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार कुछ नहीं कर रही है।