क्या ऑपरेशन सिंदूर में भारत को भारी नुकसान हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना की वीरता और साहस अद्वितीय है।
- सीजफायर की घोषणा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- पारदर्शिता सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
- सभी पक्षों को नुकसान झेलना पड़ा है।
- भारत की 140 करोड़ जनता को अपनी सेना पर गर्व है।
रांची, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता राकेश सिन्हा ने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान केवल सेना का ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत के गर्व और स्वाभिमान की पहचान है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सेना की शक्ति और पराक्रम को पूरी दुनिया ने देखा है। लेकिन उन्होंने मोदी सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप भी लगाया।
सिन्हा ने कहा कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के अंदर जाकर आतंकवादियों के ठिकानों को सफलतापूर्वक नष्ट किया, और यह पूरी दुनिया ने देखा है। यह भारतीय सेना की वीरता और साहस का परिचायक है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना हमेशा से प्रशंसा के योग्य रही है और उसकी बहादुरी का कोई मुकाबला नहीं है।
हालांकि, उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि इस पूरे ऑपरेशन में भारत को कितना नुकसान हुआ? सिन्हा ने कहा कि जब युद्ध होता है, तो दोनों पक्षों को नुकसान होता है, इसलिए यह जानना आवश्यक है कि भारतीय सेना को इस कार्रवाई में कितना नुकसान हुआ।
राकेश सिन्हा ने यह भी कहा कि सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ जो पराक्रम दिखाया, वह अद्भुत था और वह पाकिस्तान को घुटनों पर ला देने में सक्षम था। देश की 140 करोड़ जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ थी, तब अचानक सीजफायर क्यों हुआ? पूरे विपक्ष और देश ने प्रधानमंत्री का समर्थन किया था, लेकिन फिर अचानक युद्ध विराम की घोषणा क्यों की गई?
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और सेना की मजबूती के लिए पारदर्शिता बेहद महत्वपूर्ण है ताकि जनता को यह पूरी तरह से समझ में आ सके कि देश की सीमाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा रही है।
सिन्हा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी केवल जनता को गुमराह करने का काम करते हैं। उन्होंने ट्रंप की तारीफ की लेकिन 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने पर सवाल उठाने के बजाय चुप्पी साधे रखी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि मोदी ने ट्रंप द्वारा सीजफायर का क्रेडिट लेने पर भी कोई सवाल नहीं उठाया।