क्या पाकिस्तान एक विश्वास करने योग्य देश है?: आनंद दुबे

सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए गए हैं।
- ईरान को सावधान रहने की सलाह दी गई है।
- आनंद दुबे का स्पष्ट मत है कि पाकिस्तान धोखेबाज़ है।
- आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
- भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है।
मुंबई, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। ईरान-इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के चलते अमेरिका द्वारा किए गए हमले ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। इस बीच, पाकिस्तान ने यह दावा किया है कि उसे पहले से ही यह जानकारी थी कि अमेरिका ईरान पर हमला करेगा। उसने यहाँ तक कहा है कि अमेरिका ने इस हमले के लिए उसके हवाई क्षेत्र का उपयोग किया है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी का सगा नहीं है, और वह विश्वास करने योग्य नहीं है।
आनंद दुबे ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि पाकिस्तान पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसा कोई भी देश नहीं है जिसे पाकिस्तान ने धोखा न दिया हो। ईरान, अजरबैजान और चीन जैसे देशों को यह समझना चाहिए जो पाकिस्तान को अपना भाई मानते हैं। पाकिस्तान हमेशा अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की पीठ में छुरा घोंपता रहा है। वह किसी का स्थायी मित्र नहीं हो सकता।
उन्होंने ईरान को पाकिस्तान से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि ईरान को यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान कब, कैसे और किस तरह वार करता है।
पहलगाम हमले में आतंकवादियों को पनाह देने वाले दो लोगों की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा कि इस हमले को दो महीने से अधिक हो चुके हैं, लेकिन अब तक चारों आतंकवादी पकड़े नहीं गए हैं। हम देश की खुफिया और जांच एजेंसियों से अपील करते हैं कि उन आतंकवादियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें। ऐसे लोगों से बातचीत नहीं, बल्कि कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के मोदी सरकार से ईरान का साथ देने की मांग पर उन्होंने कहा कि हम सभी चाहते हैं कि ईरान और इजरायल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यस्थता करें और युद्ध विराम सुनिश्चित कराएं। भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है और हम सब यही चाहते हैं कि दुनिया में अमन बना रहे। पीएम मोदी की वैश्विक छवि को देखते हुए यह जिम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है। यदि यह युद्ध नहीं रुका, तो दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की ओर बढ़ सकती है।
ईरान के राष्ट्रपति की प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर हुई बातचीत पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को दोनों पक्षों को समझाकर पीछे हटने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि युद्ध टाला जा सके। दोनों देशों को आपस में बातचीत कर विवाद का समाधान निकालना चाहिए।