क्या राहुल गांधी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बोलने का अधिकार नहीं है?

सारांश
Key Takeaways
- बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने राहुल गांधी के बयान को खारिज किया।
- राहुल गांधी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बोलने का अधिकार नहीं है।
- योग को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाने की अपील की गई।
- बीजेपी सरकार गरीबों को अंग्रेजी सिखाने के लिए प्रयास कर रही है।
- कांग्रेस ने हाल ही में राहुल गांधी का एक वीडियो साझा किया।
बुरहानपुर, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के द्वारा अंग्रेजी भाषा को लेकर दिए गए बयान पर तीखा हमला किया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि "बीजेपी सरकार गरीबों को अंग्रेजी नहीं सिखाना चाहती है।" इस पर ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
ज्ञानेश्वर पाटिल मध्य प्रदेश के खंडवा से सांसद हैं। उन्होंने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बुरहानपुर में आयोजित कार्यक्रम में सामूहिक योगाभ्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि योग के माध्यम से पीएम मोदी ने विश्व में समग्र स्वास्थ्य क्रांति की नई दिशा स्थापित की है। सांसद ने सभी से अपील की कि योग को अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएं, जिससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ रह सकें।
योगाभ्यास के बाद मीडिया से बातचीत में बीजेपी सांसद ने राहुल गांधी के आरोपों पर जवाब दिया। ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा, "राहुल गांधी को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। उनकी पार्टी ने देश में कई दशकों तक शासन किया और इस दौरान इन तीनों क्षेत्रों को केवल बर्बाद किया है। उन्होंने गरीब बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता नहीं की।"
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान को मीडिया को भी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। ज्ञानेश्वर पाटिल ने स्पष्ट किया कि बीजेपी सरकार न केवल गरीबों को अंग्रेजी सिखा रही है, बल्कि उनके स्वास्थ्य और रोजगार के लिए ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं। उनका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाना है।
कांग्रेस ने हाल ही में राहुल गांधी का एक वीडियो साझा किया, जिसमें वह छात्रों से संवाद कर रहे थे। इस बातचीत में राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "बीजेपी-आरएसएस नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे, क्योंकि वे नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें और बराबरी करें। आज की दुनिया में अंग्रेजी उतनी ही आवश्यक है जितनी आपकी मातृभाषा, क्योंकि यही रोजगार दिलाएगी और आत्मविश्वास बढ़ाएगी।"
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, "भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है और ज्ञान है। हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी है। यही रास्ता है एक ऐसे भारत का जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे।"