क्या राहुल गांधी को जनता का समर्थन नहीं मिल रहा? चुनाव आयोग पर निराशा में सवाल उठाते हैं : सुनील तटकरे

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए सुनील तटकरे ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को स्पष्ट किया।
- महाराष्ट्र चुनाव में मतदाता भागीदारी महत्वपूर्ण है।
- राजनीति में तथ्यों का महत्व है।
मुंबई, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के नेता सुनील तटकरे ने शुक्रवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए। उन्होंने राहुल गांधी को बच्चे जैसा बयान देने के लिए भी आलोचना की।
एनसीपी नेता सुनील तटकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में मतदाताओं की संख्या बढ़ने संबंधी राहुल गांधी के बयान को लेकर उन्होंने कहा, "यह चुनाव की प्रक्रिया का हिस्सा है, और चुनाव आयोग वोटर लिस्ट के लिए कई कार्य करता है। चुनाव आयोग के बाद नए मतदाताओं को वोटर लिस्ट में जोड़ा जाता है। एक निश्चित समय के बाद अपडेटेड वोटर लिस्ट को सार्वजनिक किया जाता है; यदि कोई आपत्ति या सुझाव हो, तो उस पर सुनवाई की जाती है। फिर फाइनल लिस्ट मतगणना के अनुसार प्रकाशित की जाती है। सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को पहले से सजग रहना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में पांच बजे के बाद अधिक वोटिंग होने पर निशाना साधा। मैं पिछले 41 वर्षों से राजनीति में हूं। लोकसभा चुनाव में मैंने पोलिंग और काउंटिंग एजेंट के रूप में कार्य किया है। लोकसभा में 60 से 62 प्रतिशत तक वोटिंग होती है और विधानसभा में यह 68 से 70 प्रतिशत तक जाती है। वहीं, ग्राम पंचायत के चुनावों में तो 80 से 90 प्रतिशत तक वोटिंग होती है। मेरा कहना है कि राहुल गांधी को इस विषय में जानकारी का अभाव है, जिसके कारण वे ऐसे आरोप लगा रहे हैं।"
तटकरे ने कहा, "लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी को अधिक सीटें मिलीं। 48 सीटों में से उन्हें कुछ ज्यादा सीटें मिलीं, जिसके बाद महाविकास अघाड़ी की सभी पार्टियों को लगा कि महाराष्ट्र में उनकी सत्ता आ गई है। उन्होंने चुनाव से पहले ही अपने मंत्री तैयार कर लिए थे। लेकिन विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता ने महायुति को समर्थन दिया। इस कारण राहुल गांधी निराश हैं और चुनाव आयोग पर टिप्पणी करते हैं।"