क्या सपा को सीट न देने पर विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कांग्रेस पर तंज कसा?
सारांश
Key Takeaways
- महिला रोजगार योजना का महत्व
- भाजपा में अपराधी विधायकों की संख्या
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल
- बिहार में सपा की स्थिति
- स्वास्थ्य सेवाओं की समस्याएँ
लखनऊ, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दसवीं बार सीएम बनने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला रोजगार योजना को लागू किया गया था, जिसमें हर महिला को दस हजार रुपये दिए गए थे। यह योजना किसी भी स्थिति में बंद नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही, उन्होंने जनता से किए गए वादों को पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में आधे से अधिक विधायक अपराधी हैं। उन्होंने कई बार मांग की कि यूपी के टॉप 20 अपराधियों की सूची सार्वजनिक की जाए। यदि भाजपा सरकार में हिम्मत है, तो यह सूची जारी करें। भाजपा सरकार की लापरवाही के कारण हरदोई में दो दर्जन से अधिक बच्चे घायल हुए हैं, जिनका लखनऊ में इलाज चल रहा है। उन्होंने घटना की न्यायिक जांच की मांग की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की।
सपा विधायक ने कहा कि भारत की सेना बहादुर है, जिसने एक ही दिन में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, लेकिन इसके बाद अमेरिका ने युद्धविराम की घोषणा कर दी। उन्होंने केंद्र सरकार को कमजोर बताया और कहा कि अगर देश की सेना को खुली छूट मिलती, तो पाकिस्तान के हर शहर में तिरंगा लहरा रहा होता।
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा पर रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन महागठबंधन ने सपा को एक भी सीट नहीं दी। इसके बावजूद, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 26 रैलियों का आयोजन किया और 20 से अधिक स्टार प्रचारक बनाए। महाराष्ट्र में बीएमसी और नगर निकाय के चुनाव होने वाले हैं। यदि महागठबंधन पर्याप्त सीटें नहीं देता, तो हम अकेले चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीएमसी, नगर निकाय चुनाव या जिला पंचायत चुनाव के लिए गठबंधन नहीं हुआ है। यह सिर्फ विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए है। उन्होंने कहा कि बिहार में कांग्रेस ने सपा को एक भी सीट नहीं दी, लेकिन पूरा प्रदेश भाजपा को सौंप दिया।
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है। बिना विपक्षी नेताओं की मीटिंग के एसआईआर लागू कर दिया गया। पूरा देश और विपक्षी पार्टियां मांग कर रही थीं कि चुनाव बैलेट पेपर से हो, लेकिन चुनाव ईवीएम से कराए जा रहे हैं। अमेरिका में भी ईवीएम से चुनाव नहीं होते। एसआईआर को लेकर कई राज्यों में आंदोलन चल रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव से पहले जनता कह रही थी कि भाजपा ने चुनाव आयोग से मिलकर वोट चोरी की है, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि भाजपा ने डाका डाला है। चुनाव आयोग भाजपा के विंग की तरह काम कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी में किसी भी नेता या विधायक को सम्मान नहीं मिलता। जब विधायकों या मंत्रियों की बैठक होती थी, तो सिर्फ एक कुर्सी मायावती के लिए होती थी। अन्य सभी नीचे बैठते थे। उन्होंने यह भी कहा कि बिना पैसे के टिकट नहीं दिए जाते थे, जिससे उनका जनाधार खत्म हो गया है। भाजपा की बी टीम के तौर पर काम करने का आरोप लगाया। प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी सवाल उठाए।