क्या तेजस्वी यादव पर एफआईआर दर्ज करना मुद्दे को भटकाने की कोशिश है? - मनोज झा

Key Takeaways
- तेजस्वी यादव पर एफआईआर मुद्दे को भटकाने का प्रयास है।
- मनोज झा ने सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना की।
- 'वोट चोर गद्दी छोड़' एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
- वोटर अधिकार यात्रा गरीबों की सुरक्षा के लिए है।
- प्रधानमंत्री को गृह मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए।
पटना, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राजद के नेता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एफआईआर दर्ज कराने को मुद्दे से भटकाना बताया है।
उन्होंने कहा कि वे एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं। सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को लेकर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 'जुमला जी' कहा गया है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री गया जी आ रहे थे और 'जुमलेबाजी' उनकी राजनीति का एक हिस्सा है। एफआईआर से डराने की कोशिश बिल्कुल नहीं हो सकती। जुमला भी उनके गृह मंत्री एक न्यूज़ चैनल पर कह चुके हैं। 15 लाख रुपए की बात हो या दो करोड़ रोजगार की बात, ये चुनाव में बोली जाती हैं। वहाँ भी एक एफआईआर बनता है।
उन्होंने कहा कि 'वोट चोर गद्दी छोड़' यह बिहार में ही नहीं, बल्कि देश में बड़ा मुद्दा है। इसे डाइवर्ट करने के लिए 100 एफआईआर करवा दीजिए, हासिल कुछ नहीं होगा।
एनडीए नेताओं की 'वोटर अधिकार यात्रा' पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, "ये लोग परेशान हैं। प्रधानमंत्री का चेहरा भी कल उड़ा हुआ था। दिल्ली तक जो सूचना जा रही है, वह उनके लिए चिंताजनक है।
उन्होंने 'वोटर अधिकार यात्रा' को राजनीतिक यात्रा नहीं, बल्कि गरीबों के मत की सुरक्षा के लिए बताया। यह यात्रा भाजपा वालों के होश उड़ा देने वाली है। पीएम मोदी द्वारा घुसपैठियों पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि अगर देश में घुसपैठिए हैं तो सबसे पहले कार्रवाई गृह मंत्री पर होनी चाहिए।
तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को गृह मंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए, तब पता चलेगा कि वे इस मामले के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं। गया जी के कार्यक्रम में राजद के दो विधायकों की उपस्थिति पर उन्होंने कहा, "वे विधायक कब के थे। अब वे वर्तमान में नहीं हैं। ऐसी बहुत सारी बातें अभी सामने आने वाली हैं। इसमें कुछ दम नहीं है।"